- मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में इस मामले पर 19 अक्टूबर को फिर होगी सुनवाई

PATNA :

पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अक्टूबर तक यह बताने के लिए कहा है कि कोरोना जांच के लिए एंटी-बाडी टेस्ट कार्यक्रम आखिर क्यों नहीं चलाया जा रहा है।

कोरोना महामारी के मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि राज्य में एंटी-बाडी टेस्ट अब तक प्रारंभ नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। दिनेश कुमार सिंह व अन्य की लोकहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से हर हाल में 19 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। याचिका के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि एंटी-बाडी टेस्ट होने पर ही कोरोना की स्थिति का जायजा मिलता है। खंडपीठ को यह भी बताया गया कि राज्य में कोविड मरीजों की जांच की रफ्तार बहुत धीमी है। अब तक मात्र सात लाख टेस्ट ही हुए हैं, जो कि राज्य की आबादी को देखते हुए नगण्य माना जा सकता है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को 24 जुलाई को दिए गए मुद्दों पर विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया था। अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि 12 करोड़ की आबादी वाले बिहार में सिर्फ नौ आरटी-पीसीआर मशीन हैं, जिससे कोरोना का सही जांच हो सकता है। कोविड अस्पतालों में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद सभी जगह सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं। इस मामले पर 19 अक्टूबर को फिर सुनवाई होगी।