- बिहार की राजनीति में 1962 के बाद लगातार घटा महिलाओं का नेतृत्व
PATNA : बिहार की राजनीति में स्वतंत्रता के बाद 1962 के बाद से लगातार महिलाओं का नेतृत्व घटा है। इससे कई सवाल उठ तो क्या महिलाओं को राजनीति नहीं भा रही है? आजादी के बाद पहली विधानसभा में 13 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची थीं। इसके बाद यह आंकड़ा 1962 विधानसभा चुनाव में दोगुना से भी अधिक 34 महिलाएं विधायक बनकर विधानसभा पहुंची थी। इसके बाद से यह आंकड़ा लगातार गिरता चला गया। सबसे कम 4 महिलाएं 6वीं विधानसभा के लिए चुनीं गई थी। जबकि 5वीं विधानसभा में 10, सातवीं और आठवीं विधानसभा में 13-13 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची थीं। लगातार घटते इस आंकड़े के बाद ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या वोटर्स ही महिलाओं को वोट नहीं देते हैं। या पॉलिटिकल पार्टियां टिकट ही नहीं देतीं हैं। लेकिन महिलाओं के घटते नेतृत्व से यह साफ है कि बिहार में महिलाओं को राजनीति ज्यादा पसंद नहीं है।
ये स्थिति नहीं होती
महिलाओं के लिए होती आई है वकालत
आधी आबादी के लिए हर फील्ड में बराबरी की मांग की जाती रही है। सरकारी नौकरी से लेकर राजनीति में महिलाओं के लिए कोटे के हिसाब से लिए सीट निर्धारित हैं। लेकिन रिजल्ट देखें तो बिहार की राजनीति में महिलाओं का नेतृत्व लगातार घटा है। स्वतंत्रा के बाद पहली विधानसभा के लिए 13 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंचती हैं। 1962 में विधानसभा चुनाव में यह संख्या 34 पहुंच गई थी।
तीन बार रहीं महिला सीएम
बिहार की राजनीति में आजादी के बाद से आज तक तीन बार महिला सीएम राबड़ी देवी रही हैं। ये बात अलग है कि उन्हें सीएम की कुर्सी विरासत में मिली। बावजूद इसके महिलाओं का विधानसभा में प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ा। शायद बिहार की जनता बाहुबली और पुरुष प्रधान राजनीति को ही प्राथमिकता देती रही है। अन्यथा आजादी के बाद से लगातार आधी आबादी की हर फील्ड में भागीदारी बढ़ी है। लेकिन बिहार विधानसभा में उनकी भागीदारी घटी है।
चुनी गई थी 2015 में 33 महिलाएं
आजादी के बाद 2015 में यह आंकड़ा करीब-करीब पहुंचा है। 1962 में विधानसभा चुनाव में 34 महिलाएं विधायक चुनीं गई थी। जबकि 2015 विधानसभा में 33 महिलाएं विधायक बनी थीं।
चुनीं गई महिला विधायक
विधानसभा महिला विधायक
पहली 13
दूसरी 00
तीसरी 34
चौथी 25
पांचवीं 10
छठवीं 4
सातवीं 13
आठवीं 13
नौवीं 14
दसवीं ं 15
ग्यारहवीं 13
बारहवीं 12
तेरहवीं 14
चौदहवीं 23
पंद्रहवीं 25
सोलहवीं 33
सर्वाधिक 13 का रहा है फिगर
बिहार विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या का 13 का फिगर सर्वाधिक रहा है। सातवीं, आठवीं और ग्यारहवीं विधानसभा में 13-13 महिलाएं विधायक चुनकर विधानसभा पहुंची थी।
17वीं विस में कितनी पहुंचेंगी महिलाएं
देखना यह है कि अब 17वीं विधानसभा के लिए चुनाव हो रहा है। तीन चरणों में चुनाव होगा। फर्स्ट फेज 28 अक्टूबर, सेकेंड फेज 3 नवंबर और थर्ड फेज 7 नवंबर को होगा। देखना है कि इस बार बिहार की जनता कितनी महिलाओं को विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचातीं हैं।
क्या महिलाओं को पार्टियां टिकट नहीं देती?
सवाल यह है कि क्या पॉलिटिकल पार्टियां आधी आबादी को टिकट देने में कंजूसी कर रही हैं। सिर्फ नाम के लिए पार्टी में मेंबर बनाई जाती हैं और बाद में ध्यान नहीं दिया जाता है?
खुद महिलाओं को राजनीति नहीं भा रही
दूसरा सवाल यह है कि क्या बिहार में अधिकतर महिलाएं राजनीति पसंद नहीं करती हैं। ये ऐसे सवाल हैं, जो राजनीति में घटते महिलाओं के नेतृत्व के बाद उठ रहे हैं।
क्या सपोटर्स ही नहीं देते वोट
यह भी सवाल लाजमी है कि महिलाओं की लगातार विधानसभा से घटती संख्या के पीछे कहीं वोटर्स ही तो जिम्मेदार नहीं हैं। वे ही महिलाओं को हरा दे रहे हैं। तो क्या वोटर्स महिलाओं को वोट नहीं देते?