पटना (ब्यूरो)। बिहार के भोजपुर जिले के एक चित्रकार संजीव सिन्हा ने दुनिया का सबसे बड़ा यरवदा चरखा(24 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी) बना इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। यह चित्रकार संजीव के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भोजपुर जिले के लिए भी गर्व का पल है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष भोजपुर में सर्जना न्यास द्वारा आयोजित गांधी शताब्दी समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसके दौरान चार महीनों तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। बीते वर्ष बापू के भोजपुर आगमन के 100वी वर्षगांठ पर इस आयोजन में बापू से जुड़े तमाम जगहों, यादों को लोगों के जेहन में फिर से जगाने के लिए पुर्नदृश्य रूपांतरण प्रस्तुत की गई थी। इस आयोजन में ही बापू से जुड़े यरवदा चरखे का विशाल रूप बनाया गया था। जिसपर भोजपुरी लोक चित्रशैली में गाँधी जी व आजादी से जुड़े चित्र अंकित किए गए थे। बता दें कि यरवदा चरखे की लंबाई 24 फीट व चौड़ाई 8 फीट थी। इस चरखे की विशेषता यह है कि इसे कहीं भी आसानी से खोल कर ले जाया जा सकता है। चरखे की खोलने पर ऊंचाई 9 इंच और बंद करने पर 18 इंच है। इस चरखे को बनाने में संजीव सिन्हा और उनके सहयोगी आशीष श्रीवास्तव, मदुरई, श्रील, दीपा, रमन श्रीवास्तव, विष्णु शंकर आदि ने अपना योगदान दिया था। इसे बनाने में

15 दिन की का समय लगा था।

संजीव और उनकी टीम के इस मेहनत का प्रतिफल तब सार्थक हुआ जब वल्र्डस ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड ने उन्हें विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरखे के निर्माण करने का प्रमाण पत्र जारी किया। इस कीर्तिमान को वल्र्डस ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड ने अपने रिकॉर्ड में संचित कर लिया है और इसके लिए सर्जना न्यास और संजीव सिन्हा को धन्यवाद दिया।

छोटे से शहर के इस चित्रकार ने जो वल्र्ड रिकॉर्ड बना कर भोजपुर जिले का नाम दुनिया के पटल पर लहराया है। इस अभूतपुर्व उपलब्धि के लिए जिला के कई संस्थानों और बुद्धिजीवियों ने उन्हें बधाई दी। उनके दोस्तों और परिवार वालों के घर पर बधाईयों का तांता लगा हुआ है। सर्जना के अध्यक्ष संजीव सिन्हा ने बताया कि यह उपलब्धि पूरे समाज के साथ साथ बिहार और देश की है इसके निर्माण में सर्जना के संयोजक मनोज दुबे की अहम भूमिका रही।