PATNA : हर क्0वें व्यक्ति के किडनी में संक्रमण है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही से कोई न कोई अनहोनी हो जाती है। इलाज तब और महंगा हो जाता है जब बीमारी चरम पर होती है। बिहार में तेजी से बढ़ते मरीजों की संख्या चौंकानेवाली है। एम्स दिल्ली ने तो इसे महामारी बताते हुए लोगों को अलर्ट किया है। प्रदूषण और खान-पान के साथ अनियमित दिनचर्या से मोटापा, शुगर और ब्लड प्रेशर जैसे विकार इसके प्रमुख कारण हैं।

चौकाने वाला है बढ़ता आंकड़ा

डिवाइन हॉस्पिटल के उपनिदेशक मोसिर आलम का कहना है कि किडनी की बीमारी के लिए मोटापा बड़ा कारण है क्योंकि इससे ?लड प्रेशर और शुगर होता है जो किडनी के लिए घातक है। चौंकाने वाली बात ये भी है कि बिहार में कम उम्र के मरीजों में किडनी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है।

साइलेंट मौत लेकर आती है

डॉक्टरों का कहना है कि किडनी की बीमारी साइलेंट मौत लेकर आती है। बावजूद किडनी की सुरक्षा को लेकर लोग गंभीर नहीं होते हैं। ये शरीर का महत्वपूर्ण अंग है और मिलावट वाले खाद्य पदार्थो का सीधा अटैक इसी पर होता है। इसका इलाज इतना महंगा होता है जो आम आदमी के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोग सावधान रहें और शुरुआती दौर में ही इलाज करा लें तो दिक्कत नहीं होगी।

ये है संक्रमण के लक्षण

पैर और मुंह पर सूजन, पेशाब की मात्रा में कमी, उल्टी सिर दर्द भूख नहीं लगना, खून की कमी, हड्डियों का कमजोर होना, शरीर में खुजली, कमजोरी और थकान होना।

ऐसे करें गुर्दे की हिफाजत

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, अधिक देर तक पेशाब नहीं रोकें, नियमित व्यायाम करें, डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें, जंक फूड से बचें, आहार ताजा व स्वस्थ लें, नमक का प्रयोग कम करें, डायरिया के दौरान तरल पदार्थ अधिक लें, नशा से दूरी बनाए, दर्द निवारक दवाओं से दूरी बनाएं।

दिनचर्या में बदलाव और खान-पान में सावधानी बरत कर बीमारी रोकी जा सकती है। विश्व किडनी दिवस पर नि:शुल्क जांच परीक्षण कर लोगों को जागरुक करने का प्रयास कर रहे हैं।

-डॉ विजय शंकर, डीएम नेफ्रोलॉजी डिवाइन हॉस्पिटल