- बाइकाथन का फिर से इंतजार कर रहे हैं लखनऊ के कई साइकिल के दीवाने

- बोले, इस प्रोग्राम के जरिए बचपन की यादों को तरोताजा करने का मिलता है मौका

LUCKNOW: राजधानी में तमाम लोग ऐसे हैं जो आज एसयूवी गाडि़यों से चल रहे हैं। उनके पास साइकिल से चलने का वक्त नहीं है। लेकिन इन सभी को बाइकाथन का बेकरारी से इंतजार रहता है। हो भी क्यों न, आखिर इस प्रोग्राम के माध्यम से उनकी यादें ताजा हो जाती हैं। आखिर इन लोगों ने भी कभी ना कभी साइकिल जरूर चलाई है। इनकी यादों में साइकिल आज भी चल रही है। साइकिल पर अपने दोस्तों के साथ गुजारे लम्हें भुलाए नहीं भूलते। शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक का सफर साइकिल से कुछ ही देर में तय हो जाता था। आज भी जब मौका मिल जाए तो ये साइकिल चलाने के मौके नहीं चूकते हैं, भले ही थोड़ी देर के लिए।

स्कूल के दिनों में तो

यूपी वुशू एसोसिएशन के सचिव मनीष कक्कड़ के अनुसार, अब तो काम से ही फुर्सत नहीं मिलती है। स्कूल और कॉलेज के दिनों में तो बस हमारे दोस्त और साइकिल। ऐसा लगता था कि बस सबकुछ यही है। आज भी साइकिल के साथ पुराने दोस्त याद आते हैं। कहीं जाना हो तो साइकिल से बेहतर कुछ नहीं लगता।

बिना बताए घर से भाग जाते थे

इसी तरह गर्वनमेंट सर्वेट अनूप मिश्रा बताते हैं कि साइकिल के साथ जुड़ी यादों को कभी भुला नहीं सकते। साइकिल चलाने का इतना क्रेज था कि घर में बिना बताए ही साइकिल लेकर भाग जाते थे। इसके लिए कई बार डांट भी खाई। आज भी पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए साइकिल चलाने का संदेश देते हैं।

कहीं लड़-भिड़ न जाऊं

बिजनेसमैन अखिलेश सिंह ने बताया कि साइकिल से स्कूल जाने की जिद करता था। घर में साइकिल होने के बाद भी उसे ले जाने की इजाजत नहीं थी। उन लोगों को डर था कि कहीं भीड़-भाड़ इलाके में कहीं लड़ भिड़ ना जाऊ। साइकिल सीखने के साल भर बाद मुझे साइकिल जाने की छूट मिली। अब तो इतना टाइम ही नहीं है कि साइकिल चला सकूं। फिर भी मौका लगता था साइकिल चलाने का चलाने का चांस मिस नहीं करता।

तब तो साइकिल ही सहारा

बास्केटबॉल कोच कामरान के अनुसार कहीं भी खेलने जाना हो तो साइकिल ही सहारा थी। टीम के साथ साइकिल का सफर आज भी यादगार है। कई बार तो ऐसा हुआ कि दोस्त की साइकिल खराब हो गई तो उसे और उसकी साइकिल सब मिलकर लेकर आते। बारिश के दिनों में तो दोस्तों के साथ साइकिल पर भीगने में और भी मजा आता।

जिनके पास स्टेडियम आने का वक्त नहीं है और वे खुद को फिट रखना चाहते है तो साइकिलिंग जरूर करें। नॉन स्पोर्टिग पर्सन्स के लिए साइकिलिंग एक बेहतर एक्सरसाइज का काम करती है।

- एलआर पटेल

आरएसओ