अमेरिका  पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के बाद अल क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की दुनियाभर में तलाश शुरू हुई. आखिर दो मई 2011 को वह मारा ही गया. वर्षों तक ख़ुफ़िया एजेंसियाँ ओसामा बिन लादेन के बारे में पुख़्ता जानकारी हासिल करने में विफल रहीं. लेकिन कई बार सुरक्षा एजेंसियों ने ये भी दावा किया कि वे लादेन तक पहुँचते-पहुँचते चूक गए. इस अभियान में अमरीका ने सारी शक्ति झोंक दी. लेकिन क़रीब 10 साल बाद उसे क़ामयाबी मिली. जब पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमरीका के विशेष दस्ते के सैनिकों ने कार्रवाई करके लादेन को मार दिया.

आइए नज़र डाले वर्ष 2001 से ओसामा बिन लादेन के ख़िलाफ़ चले अभियान के बारे में.

flashback 2011: तेरे बिन लादेन

2001

अल जज़ीरा ने ओसामा बिन लादेन के धमकी भरे पत्र को जारी किया जिसमें अमेरिका को अफ़ग़ानिस्तान में सैनिक कार्रवाई रोकने की चेतावनी दी गई थी. इस धमकी में कहा गया था कि अमेरिका मध्य पूर्व के देशों में हस्तक्षेप करना रोक दे नहीं तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.  एक ख़त में ओसामा बिन लादेन ने पाकिस्तान के मुसलमानों से अपील की कि उन्हें इस्लाम के हक़ में उठ खड़े होना चाहिए और अपने देश को अमेरिका की अफगान विरोधी नीतियों का साथ देने से रोकना चाहिए.

अमरीकी सैनिकों ने बिन लादेन के एक रेडियो मैसेज को कैच किया. यह संदेश अफ़ग़ानिस्तान के पहाड़ी क्षेत्र टोरा-बोरा से प्रसारित किया गया था. लेकिन अमरीकी अधिकारियों ने माना कि वे अब तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि अल क़ायदा प्रमुख बिन लादेन आख़िर छिपे कहाँ हैं?

2002

अल जज़ीरा चैनल पर एक पुराने वीडियो का प्रसारण किया गया जिसमें बिन लादेन को उनके प्रमुख सथियों के साथ दिखाया गया था. साथ ही अमरीका पर हुए हमले में शामिल अपहर्ताओं का सुसाइड नोट भी दिखाया गया था. 11 सितंबर को हुए हमले के पीछे मास्टर माइंड रखने वाले रम्ज़ी बिन अलशिब को पाकिस्तान से गिरफ़्तार किया गया. अल जज़ीरा चैनल पर बिन लादेन का एक टेप प्रसारित हुआ जिसमें बिन लादेन ने हाल ही में हुए बाली, यमन और मॉस्को हमले की ज़िम्मेदारी ली.

2003

बिन लादेन की आवाज़ में एक टेप जारी हुआ जिसमें कहा गया कि यदि अमरीका और ब्रिटेन ने इराक़ पर हमला किया तो उन पर भी आत्मघाती हमले किए जाएँगे. अल क़ायदा के प्रमुख नेता ख़ालिद शकील मोहम्मद को पाकिस्तान में गिरफ़्तार किया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि शकील मोहम्मद हाथों-हाथ भेजे जाने वाले संदेशों और ई-मेल की मदद से ओसामा बिन लादेन से लगातार संपर्क में थे.एक ऑडियो रिकार्डिंग जारी की गई जिसमें बिन लादेन ने खाड़ी की सरकारों पर हमला करने की चेतावनी दी. सितंबर-अक्तूबर महीने में अल जज़ीरा चैनल पर बिन लादेन के ऑडियो टेप जारी किए गए जिसमें बिन लादेन ने 11 सितंबर के हमले में मारे गए अपहर्ताओं को याद करते हुए अमरीका पर नए हमले करने की चेतावनी दी.

flashback 2011: तेरे बिन लादेन

2004

अल जज़ीरा ने ओसामा की आवाज़ में एक टेप जारी किया जिसमें ओसामा बिन लादेन ने तत्कालीन इराक़ी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की गिरफ़्तारी का ज़िक्र करते हुए कहा था कि अमरीका उन पाश्चात्य देशों का नेतृत्व कर रहा है जो इराक़ के विरुद्घ युद्ध लड़ रहे हैं. अमरीका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अल जज़ीरा पर बिन लादेन का एक वीडियो टेप जारी हुआ. इस टेप में बिन लादेन ने कहा कि अमरीका पर 9/11 में हुए हमले का कारण अभी भी मौजूद हैं. वे और उनके साथी अमेरिका में नए हमले की योजना बना रहे हैं. भले ही वहाँ का राष्ट्रपति कोई भी चुना जाए. इसी के साथ लादेन ने एक बार फिर 9/11 के हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकार की. एक टेप जारी हुआ जिसमें कहा गया था कि इराक़ी जनता को आगामी चुनावों का बहिष्कार करना चाहिए. कहा जाता है कि इस टेप में जारी आवाज़ जार्डन में पैदा हुए अबू मुसाब अल ज़रक़ावी की है.

2005

पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा कि मई से जुलाई 2004 के बीच उनकी सेना के पास ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के अच्छे मौक़े थे. उस समय पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे इलाक़ों में बड़ी सैनिक कार्रवाई शुरू की थी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अब लादेन की तलाश कमज़ोर पड़ गई है. वहीं अमरीका के राष्ट्रपति जार्ज डब्लू बुश का कहना था कि उनका देश ओसामा बिन लादेन को क़ानून के कठघरे में लाने के लिए दिन-रात कोशिश कर रहा है.

2006

2006 के अप्रैल माह में अरबी टेलीविज़न अल जज़ीरा से ओसामा बिन लादेन का एक आडियो टेप प्रसारित किया गया था.इस टेप में आरोप लगाया गया था कि पश्चिमी देश हमास की फ़लस्तीनी सरकार को इस्लाम के विरुद्ध लड़ाई करने के लिए आर्थिक मदद कर रहे हैं. इन्हीं देशों की मदद से सूडान के दारफ़ुर प्रांत का माहौल ख़राब हो रहा है.एक साल की लंबी ख़ामोशी के बाद अल जज़ीरा ने एक ऑडियो टेप जारी किया. सीआईए के विशेषज्ञों का कहना है टेप में जारी की गई आवाज़ अल-क़ायदा नेता ओसामा बिन लादेन की थी. इस टेप में अमरीका पर फिर से आतंकवादी हमला करने की धमकी दी गई थी.

2007

अमरीका ने कहा कि उसने अल क़ायदा के एक अहम नेता अल हादी अल इराक़ी को गिरफ़्तार कर लिया है. अमरीका का कहना था कि वह इराक़ जाकर वहाँ की कार्रवाई की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहा था.तीन साल बाद ओसामा बिन लादेन का वीडियो जारी हुआ. इस वीडियो में लादेन ने अमरीकी लोगों को इस्लाम अपनाने की सलाह दी. लादेन ने कहा कि इराक़ में हमले रोकने के लिए अमरीकी लोगों को ऐसा करना चाहिए.

2008

ओसामा बिन लादेन की तलाश में जुटे अमरीकी सैनिकों को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी जब उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में एक वरिष्ठ अल क़ायदा नेता अबू लैथ अल लिब्बी को मार दिया. बाद में अल क़ायदा के नंबर दो नेता अयमन अल ज़वाहिरी ने लिब्बी की मौत का बदला लेने की बात कही. ओसामा बिन लादेन के पूर्व ड्राइवर और यमन के नागरिक सलीम हमदान को आतंकवाद के मामलों में सहयोग करने के आरोप में दोषी ठहराया गया.

2009

2009 में भी ओसामा बिन लादेन की तलाश जारी रही.इस साल यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया की एक शोध टीम ने सैटेलाइट की मदद से भौगोलिक विश्लेषण करते हुए ओसामा बिन लादेन के संभावित ठिकाने का आकलन किया और पराचिनार को चिन्हित किया. इस शोष टीम का नेतृत्व किया थॉमस वी गिलेस्पी और जॉन ए एग्नेव. मार्च 2009 में न्यूयॉर्क के अख़बार डेली न्यूज़ ने ख़बर दी कि ओसामा बिन लादेन की तलाश पाकिस्तान के चित्राल ज़िले में केंद्रित है.

flashback 2011: तेरे बिन लादेन

दिसंबर 2009 में पाकिस्तान में पकड़े गए एक तालिबान समर्थक ने बताया कि इस साल लादेन अफ़ग़ानिस्तान में थे. हालाँकि इसी महीने में तत्कालीन अमरीकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने बताया कि उन्हें लादेन के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रजा गिलानी ने भी इस दावे को ठुकरा दिया कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपे हैं.

2010

2010 में एक अनाम नेटो अधिकारी ने दावा किया कि ओसामा बिन लादेन स्वस्थ हैं और आराम से पाकिस्तान में रह रहे हैं. इस अधिकारी ने ये भी दावा किया कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान की ख़ुफ़िया सेवा का संरक्षण प्राप्त है. पाकिस्तान ने इस दावे का कड़ाई से जवाब दिया और कहा कि ये पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश है. इसी साल क़ुवैत के एक समाचार पत्र ने दावा किया कि ओसामा बिन लादेन ईरान में छिपे हुए हैं. इसराइल स्थित इंटेलिजेंस न्यूज़ सर्विस ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया. वर्ष 2010 में 28 अक्तूबर को ओसामा बिन लादेन का एक ऑडियो टेप आया, जिसमें उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में कार्रवाई में शामिल होने के लिए फ़्रांस को चेतावनी दी. बाद में  फ़्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने इस टेप को सही बताया.

2011

2011 के अप्रैल में टीवी चैनल अल जज़ीरा ने दावा किया कि अमरीकी सैनिकों ने अफ़ग़ानिस्तान में ओसामा बिन लादेन को पकड़ लिया है. लेकिन ये रिपोर्ट ग़लत साबित हुई. लेकिन कुछ दिनों बाद ही अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की घोषणा की. दो मई को अमरीका की विशेष सैन्य टुकड़ी ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में कार्रवाई करके लादेन को मार दिया. अमरीका को लादेन के एक सहयोगी के बारे में अहम जानकारी ग्वांतानामो बे में क़ैद एक व्यक्ति ने दी. इसके बाद ही अमरीका ने लादेन के इस सहयोगी का पता-ठिकाना ढूँढ़ा और फिर उन्हें लादेन के ठिकाने के बारे में भी पता चला. लादेन ऐबटाबाद की तीन मंज़िला इमारत में रह रहे थे. ये इमारत वर्ष 2005 में बनाई गई थी.

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