GORAKHPUR: न मुद्दा, न वादा, न सपने और न लुभावने ऑफर। इस इलेक्शन में चला तो सिर्फ दिमागी प्रहार। सोशल मीडिया से लेकर गांव तक और इंटरटेनमेंट से लेकर न्यूज चैनल तक। बीजेपी ने ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ा, जब वह वोट के लिए बड़ों से लेकर बच्चों के दिमाग तक न पहुंच सके। आई नेक्स्ट ने क्9 अप्रैल को 'अबकी बार दिमागी प्रहार' हेडिंग से एक न्यूज पब्लिश की। जिसमें बताया गया था कि मोदी का यह दिमागी प्रहार न सिर्फ बच्चों की जुबां तक है बल्कि बीजेपी को देश की कुर्सी पर काबिज करा सकता है। यह बात फ्राइडे को सही साबित हुई, जब बीजेपी ने यूपी में 7फ् सीटें जीती और देश में अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार कर गई। मोदी के इस प्रहार ने यूपी पर राज करने वाले सपा और बसपा दोनों को उखाड़ फेंका। पडरौना में कांग्रेस के आरपीएन सिंह, बस्ती में डिंपल-रामप्रसाद, गाजियाबाद में राज बब्बर, कानपुर में श्रीप्रकाश जायसवाल, संत कबीर नगर में कुशल-भालचंद, गोण्डा में बेनी प्रसाद वर्मा, बाराबंकी में पीएल पुनिया के मजबूत होने के बाद भी बीजेपी का परचम फहरा।