समर्थन में आए कई भाजपा नेता
उधर, इस लेख का समर्थन में कई भाजपा नेताओं ने किया है. पत्रिका में छपे इस लेख में कहा गया है कि भारत में समाज सेवक बने अन्ना हजारे की संस्था विदेशों में चंदा लेती है, इसलिए वह एक विदेशी एजेंट हैं. पत्रिका में छपे इस लेख का बचाव भी किया गया है. इसका बचाव करते हुए राज्य भाजपा के नेता हितेश वाजपेयी कहते हैं कि विदेशी चंदों से चलने वाली ताकतों ने अब अन्ना का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
अन्ना मंडली को किया गया हो प्रायोजित
पत्रिका में यह भी लिखा गया है कि निजी तौर पर अन्ना भले ही ईमानदार रहे हों, लेकिन काफी हद तक मुमकिन है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह देश लगातार विकास के रास्ते पर अग्रसर है, वो बात विदेशी ताकतों को अच्छी नहीं लग रही हो. इसके मद्देनजर ही एक बार फिर अन्ना मंडली को आंदोलन के लिए प्रायोजित किया गया हो.
अन्ना को बताया NGO समूहों का मुखौटा
बताते चलें कि पत्रिका में इसी बात का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि सारा देश इस बात को जानता है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. पत्रिका में छपा लेख यह कहता है कि अन्ना हजारे देश के ऐसे एनजीओ समूहों के मुखौटे हैं, जो विदेशी चंदे से देश की विकास योजनाओं में बाधा डालने के लिए बहुत अच्छे से जाने जाते हैं.
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