-मंत्री व विधायक बनने से चूके नेताओं ने शुरू की लॉबिंग

-सरकार के डेढ़ साल कार्यकाल के बाद नेताओं का टूट रहा सब्र

-सरकार को डर, बोर्ड निगम में जिन्हें जगह नहीं मिलेगी, वो करेंगे बगावत

RANCHI: झारखंड की रघुवर सरकार ने ख्0 सूत्री कमिटी का गठन कर बड़ी संख्या में बीजेपी व आजसू कार्यकताओं को जगह देकर उनको संतुष्ट करने की कोशिश की है। ऐसे में अब बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं को उम्मीद जगी है जल्द ही उनका सपना पूरा होगा और बोर्ड-निगम में जगह देकर उन्हें लालबत्ती से नवाजा जाएगा। हालांकि रघुवर दास सरकार ने अभी यह घोषणा नहीं की है कि वह कब तक निगम-बोर्ड के खाली पड़े पदों पर बीजेपी और अपने सहयोगी दल के नेताओं को जगह देगी। लेकिन सरकार का लगभग डेढ़ साल तक कार्यकाल होने के बाद बीजेपी के नेताओं का सब्र अब जवाब देने को है। ख्0 सूत्रीय कमेटी के गठन से उनका उम्मीद जगी है कि उन्हें पद मिलेगा।

एक दर्जन से ज्यादा बोर्ड-निगम

झारखंड में एक दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण निगम व बोर्ड हैं। इसमें जेएसएमडीसी, टीवीएनएल, खादी बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण परिषद, बाल संरक्षण आयोग के साथ ही राज्य सूचना आयोग व जेपीएससी में भी कुछ सदस्यों की नियुक्ति होनी है। ऐसे में बीजेपी विधायक व मंत्री बनने से वंचित रह गए पार्टी के नेता इसके लिए अभी से ही लॉबिंग करने लगे हैं। वहीं, सीएम भी इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बोर्ड-निगम में जिसे जगह दी जाएगी, वो खुश हो जाएंगे। लेकिन, डर यह भी है कि जिन्हें जगह नहीं मिलेगी, वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।

बदल सकते हैं खादी बोर्ड के चेयरमैन

झारखंड सरकार जिन निगम-बोर्ड के चेमयरमैन पोस्ट पर नई नियुक्ति करने की सोच रही है। उसमें सबसे ज्यादा लोगों की निगाहें झारखंड खादी बोर्ड पर है। क्योंकि सालों से इस बोर्ड के चेयरमैन पद पर जयनंदू बने हुए हैं। कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन इनकी कुर्सी टस-से-मस नहीं हुई। ऐसे में इस बार लोगों को उम्मीद है कि खादी बोर्ड के चेयरमैन बदलेंगे। रांची महानगर बीजेपी के कार्यकर्ता भी खादी बोर्ड के चेयरमैन को बदलने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप चुके हैं।

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बीस सूत्री कमिटी से फ्000 कार्यकर्ता हुए संतुष्ट

रघुवर सरकार ने ख्0 सूत्री कमिटी का गठन कर राज्य के फ् हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की है। लेकिन, इसमें भी जिन कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिली है, वे बगावत पर उतारू हैं। ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि वह निगम बोर्ड के पदों को एक साथ नहीं भरेगी। एक-एक कर पदों को भरे जाएंगे।