- भालोटिया मार्केट में जमकर हो रही मास्क की कालाबाजारी, कोरोना के डर का फायदा उठा रहे दुकानदार

- एन-95 वाले इंडियन स्टीकर लगाकर बेच रहे 12 रुपए वाले चाइनीज मास्क

- एक हफ्ते में ही कर डाली सात करोड़ रुपए से ऊपर की अवैध कमाई

GORAKHPUR: कोरोना की दहशत के बीच दवा कारोबारियों की दुकानदारी भी चमकने लगी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया है कि भालोटिया मार्केट में मास्क व सेनिटाइजर की कालाबाजारी से थोक दवा कारोबारियों ने पिछले एक हफ्ते में ही सात करोड़ रुपए से ऊपर की अवैध कमाई कर ली है। इसमें एन-95 मास्क (बेहतर क्वालिटी का मास्क) के नाम पर सिटी मजिस्ट्रेट व ड्रग इंस्पेक्टर की छापेमारी के बाद चार दिन में ही करीब दो करोड़ का कारोबार हुआ है। हद तो ये कि दुकानदारों ने 12 रुपए वाले चाइनीज मास्क पर एन-95 वाले इंडियन स्टीकर लगाकर 250-300 रुपए प्रति पीस बेचना शुरू कर दिया है। इस सेल का रिकॉर्ड भी ड्रग डिपार्टमेंट को दिखाए जाने वाले क्रय विक्रय खाते में दर्ज नहीं किया गया है। जाहिर है कोराना के डर को भुनाने में लगे इन दवा कारोबारियों को कार्रवाई का भी कोई डर नहीं है। हालांकि इस कालाबाजारी को लेकर जिला प्रशासन ने ड्रग इंस्पेक्टर को छापेमारी कर सीधे जेल भेजने का निर्देश दिया है।

12 का मास्क, 300 रुपए में रहे बेच

बता दें, जिलेभर में दवा की कुल 18000 फुटकर दुकाने हैं। वहीं सिटी में 800 थोक व्यापारी हैं। कोरोना वायरस की खबर के बाद इन सभी दुकानों से जहां थ्री लेयर, ऑर्डनरी और ओटी मास्क की करोड़ों रुपए की सेल हो चुकी है। वहीं एन-95 मास्क की बिक्री में दवा कारोबारियों ने जबरदस्त खेल किया है। दुकानदारों ने 12 रुपए वाले चाइनीज मास्क पर एन-95 वाले इंडियन स्टीकर लगाकर 250-300 रुपए प्रति पीस बेचना शुरू कर दिया है। करीब 18000 से ऊपर मास्क इधर एक हफ्ते के भीतर सेल हो चुके हैं। जब इस बात की सूचना एक दुकानदार ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर को दी तो टीम ने भालोटिया मार्केट की दुकानों की पड़ताल की। टीम ने देखा कि ऑर्डनरी मास्क पर एन-95 के स्टीकर लगाकर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। जबकि शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव व ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने कुल 12 दुकानों में छापेमारी कर छह रुपए वाले मास्क 50 रुपए में बेचते थोक दवा व्यापारी को पकड़ा था।

रजिस्टर में भी खेल

भालोटिया मार्केट चूंकि दवा की थोक मंडी है। यहां से सिर्फ रिटेलर दवा कारोबारी ही ड्रग लाइसेंस दिखाकर दवा ले सकते हैं। वह भी ऑनलाइन कंप्यूटर में दर्ज दवा के रिकॉर्ड के मुताबिक। लेकिन मास्क के कारोबारी कालाबाजारी करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। क्रय-विक्रय रजिस्टर में खरीद-बिक्री दर्ज नहीं होने से टैक्स में भी दुकानदार चोरी से पीछे नहीं हट रहे। सिटी मजिस्ट्रेट की छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ था।

ऑनलाइन भी बढ़ गई है डिमांड

वहीं ऑनलाइन मार्केट में भी मास्क की डिमांड बढ़ गई है। जो मास्क ऑनलाइन सस्ते बिक रहे थे, वहां भी महंगे हो गए हैं। एक दुकानदार ने बताया कि कोरोना का खौफ इतना है कि मार्केट में मास्क की बिक्री तो खूब हो ही रही है वहीं ऑनलाइन डिमांड भी बढ़ गई है।

फैक्ट फिगर

भालोटिया मार्केट में थोक दवा दुकानें - 800

जिले भर में फुटकर दवा दुकानें - 18000

सिटी में दवा दुकानें - 3000

एन-95 का स्टीकर लगा बिकने वाला मास्क प्रति पीस - 250-300 रुपए

एन-95 ओरिजनल मास्क - 135 रुपए

थ्री लेयर वाला मास्क - 80 रुपए

ऑर्डनरी मास्क - 12 रुपए

ओटी मास्क - 6 रुपए

वर्जन।

थोक व्यापारी हों या फिर फुटकर, एन-95 मास्क को लेकर कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए लगातार छापेमारी की जाएगी।

जय सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग डिपार्टमेंट