मछलियां न फांसे भारत
विदेश के बैंकों को जमा भारतीयों के ब्लैक मनी को लाने के प्रयास में जुटे नरेंद्र मोदी सरकार को स्विटजरलैंड ने आईना दिखा दिया है. उसने कहा है कि वह मछलियां फांसने वाले किसी आग्रह को स्वीकार नहीं करेगा. भारतीय एजेंसियां अपनी स्वतंत्र जांच किए बगैर स्विस बैंक से सभी भारतीय खाताधारकों का नाम बताने के लिए नहीं कह सकतीं.

सबूत पेश करने होंगे
भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत लिनस वोन कास्टेल्मर ने कहा है कि अतीत में जो हो चुका, उसे बिगड़ा हुआ नहीं छोड़ा जा सकता. हालांकि, उन्होंने यह भी वादा किया कि यदि कर संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में भारत थोड़ा भी सबूत देता है तो उनका देश इसमें पूरा सहयोग करेगा. कास्टेल्मर ने इस बात से सहमति जताई कि हो सकता है अतीत में स्विस बैंक में जमा की गई राशियों पर हमेशा टैक्स न वसूला गया हो, क्योंकि स्विट्जरलैंड में पिछले कई दशकों से अलग-अलग माध्यमों से पैसा आता रहा है.

चुराई गई लिस्ट है अवैध

राजदूत ने कहा कि उनके देश की संस्थाएं खाताधारकों की चुराई गई सूची के आधार पर कोई सहयोग नहीं करेंगी. भारतीय एजेंसियों को टैक्स धोखाधड़ी से संबंधित जांच कर कम से कम एक ऐसा सबूत देना हो जो वाकई सत्य लगे. हालांकि एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, हम इस मामले में भारत की चिंता को समझते हैं और उसकी सराहना करते हैं. इस मुद्दे पर हमें स्पष्ट तालमेल रखने की जरूरत है. स्विटजरलैंड ऐसा कई दशकों तक ऐसा ठिकाना रहा था जहां विभिन्न स्रोतों से पैसे आते थे और उन पैसों पर हमेशा टैक्स चुकाया हुआ नहीं होता था. जब हम वर्तमान और भविष्य पर देखेंगे तो लगेगा कि समस्या का निदान हो जाएगा. आपको बताते चलें कि कास्टेल्मर यहां बिजनेसमैन अजीम प्रेमजी को स्विटजरलैंड की ओर से सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में भाग लेने आए थे.

Hindi News from World News Desk

 

International News inextlive from World News Desk