चेन्नई/मुंबई (पीटीआई)। चेन्नई स्थित ग्लेनइगल्स ग्लोबल हाॅस्पिटल में इंट्रासेरेब्रल हेम्रज के बाद डाॅक्टरों ने एक व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। मौत के बाद व्यक्ति की पत्नी ने अंगदान की मंजूरी दी। इसके बाद मृतक के अंग विभिन्न अस्पतालों को भेज दिए गए। इससे कई जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिला। मृत व्यक्ति के दान किए गए हाथ एयरलिफ्ट करके मुंबई लाए गए और एक युवती मोनिका मोरे को प्रत्यारोपित कर दिया गया। 12 जनवरी, 2014 को मुंबई के घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर एक दुर्घटना के में युवती के दोनों हाथ कट गए थे। तब से वे नकली हाथ लगाकर काम चलाती थी।
एशिया का 'पहला लंग ट्रांसप्लांट' का दावा
एमजीएम हेल्थकेयर में दिल्ली के 48 साल के कोविड-19 मरीज का ट्रीटमेंट चल रहा था। उनके फेफड़े बुरी तरह संक्रमित हो चुके थे। उन्हें मृतक के फेफड़ो ट्रांसप्लांट कर दिए गए। कहा जा रहा है कि दोनों फेफड़ों का पहली बार सफल प्रत्यारोपण किया गया है। ऐसा दावा भी किया जा रहा है कि जानकारी में एशिया में अभी तक का 'पहला लंग ट्रांसप्लांट' है, जो कोविड-19 मरीज में किया गया है। लाॅकडाउन के बाद इस अस्पताल में यह दूसरी बार किया गया है। 27 अगस्त को ट्रांसप्लांट किया गया था। अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि ट्रांसप्लांट के बाद मरीज ठीक है और वह अभी ट्रांसप्लांट आईसीयू में है।

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