नई दिल्ली (एएनआई)। बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन का बहिष्कार करेगी। मायावती ने यह फैसला किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए लिया है। मायावती ने ट्वीट किया कि बसपा ने देश के आन्दोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज माननीय राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।

सरकार दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए

मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में हालातों को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई। सरकार ध्यान दे। इससे पहले कांग्रेस, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस समेत देश के 18 विपक्षी दल भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार करने का फैसला कर चुके हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने में ये राजनैतिक दल शामिल

विरोध करने वाले दलों में कांग्रेस, एनसीपी, जेके नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, एआईटीसी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राजद, सीपीआई (एम), सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस (एम) और AIUD ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान में घोषणा की कि वे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।

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