कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। बजट 2021-22 में सरकार ने अपने आवंटन की सबसे ज्यादा राशि 4,78,196 करोड़ रुपये रक्षा मंत्रालय को दिए हैं। 15 सालों में डिफेंस को आबंटित यह सबसे बड़ी राशि है। मंत्रालयों को आवंटित कुल राशि का यह तकरीबन एक तिहाई के आसपास है। इस आबंटन से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की प्राथमिकता देश को सुरक्षित करने की है। जाहिर है कि सरकार इस भारी-भरकम राशि हथियारों की खरीद और सैन्य आधुनिकीकरण पर खर्च करेगी।

फोटो : साभार वित्त मंत्रालय

दूसरा सबसे बड़ा आवंटन ग्रामीण विकास एवं कृषि को

बजट के आवंटन को देखकर ही पता चलता है कि गांव और किसान सरकार की प्राथमिकता सूची में दूसरी नंबर पर है। सरकार ने इस बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को 1,31,531 करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1,33,690 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। दोनों मंत्रालयों का आवंटन जोड़ दिया जाए तो गांव एवं किसान को कुल 2,65,221 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध नजर आई सरकार

बजट में तीसरे नंबर पर बड़ी राशि 2,56,948 करोड़ रुपये उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को आवंटित किए गए हैं। यह मंत्रालय फूड सिक्योरिटी स्कीम के तहत काफी बड़ी धनराशि खर्च करती है। इससे पता चलता है कि सरकार गरीबों को लेकर कितनी संवेदनशील है।

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सुगम आवागमन को तेजी से विकसित होगा इंफ्रास्ट्रक्चर

भारत जैसे बड़े राष्ट्र में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसान आवागमन से न सिर्फ आर्थिक तरक्की होती है बल्कि देश भी सुरक्षित रहता है। सरकार ने रेलवे मंत्रालय को 1,10,055 करोड़ रुपये तथा सड़क और राजमार्ग मंत्रालय को 1,18,101 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। दोनों मंत्रालय की आवंटित राशि को जोड़ दिया जाए तो यह 2,28,156 करोड़ रुपये बैठता है। यह चौथा सबसे बड़ा आवंटन है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार देश में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए कृतसंकल्प है।

आंतरिक सुरक्षा को लेकर माेदी सरकार गंभीर

बजट खर्च में पांचवां सबसे बड़ा आवंटन गृह मंत्रालय को 1,66,547 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह मंत्रालय देश के भीतर सुरक्षा एवं एकता के लिए कार्य करता है। इस मंत्रालय को इतनी राशि देने का मतलब देश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार देश के नागरिकों और राष्ट्रीय संपदाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है।

सभी आंकड़े कराेड़ रुपये में। फोटो : साभार वित्त मंत्रालय

शिक्षा और स्वास्थ्य पर आवंटन निराशाजनक

बजट में आवंटन की सूची में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सबसे नीचे हैं। शिक्षा मंत्रालय को सरकार ने सिर्फ 93,224 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। इसी प्रकार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को आवंटन देखा जाए तो इसे सिर्फ 73,932 करोड़ रुपये दिए गए हैं। किसी भी देश के लिए उसका मानव संसाधन एक मुख्य पूंजी होता है। मानव संसाधन के विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण घटक माने जा सकते हैं। अब ऐसे में इन दोनों मंत्रालयों को इतना कम आवंटन काफी निराश करने वाला है। हालांकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि 2021-22 में स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए 2,23,846 करोड़ रुपये दिए हैं। जिसका ब्यौरा इस प्रकार से है...

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शहरी विकास आवंटन सूची में सबसे नीचे

स्मार्ट सिटी का सपना दिखाने वाली सरकार का फोकस अब ग्रामीण विकास पर चला गया लगता है। इस बार बजट में सरकार ने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को सिर्फ 54,581 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि सरकार की मंशा गांवों को विकसित करने की है ताकि लोग शहरों में रोजगार के लिए वहां से पलायन न करें।