-दो दिन तक परिजन डॉक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी

-इस दौरान सिर्फ स्लाइन चढ़ाया जाता रहा

RANCHI: रिम्स की इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि जहां आग में ख्भ् फीसदी झुलसी एक महिला को भर्ती तो एक अक्टूबर को कराया गया, लेकिन उसका ईलाज तीसरे दिन यानी तीन अक्टूबर को शुरू किया गया। ऐसे में दो दिन तक उसके परिजन ईलाज के लिए यहां-वहां दौड़ लगाते रहे, डॉक्टर से भी गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। इस दौरान केवल उसे स्लाईन चढ़ाया जा रहा था। शनिवार की दोपहर में उसका ईलाज शुरू किया गया, जहां उसकी स्थिति अब ठीक है।

काम करते झुलसी नफीजा

बताते चलें कि रामगढ़ की रहने वाली नफीजा परवीन घर में काम करने के दौरान एक अक्टूबर को जल गई थी। इस दुर्घटना में वह करीब ख्भ् फीसदी तक जल गई थी। उसके परिजन उसे लेकर गुरुवार रात क्0 बजे रिम्स पहुंचे, जहां भर्ती करने के बाद उसे सीधे बर्न वार्ड में भेज दिया गया। गुरुवार को नर्सो ने उसे स्लाईन लगाकर छोड़ दिया। उसके बाद किसी डॉक्टर ने उसे नहीं देखा। वहीं उसे कोई दवा भी नहीं दी जा रही थी। ऐसे में उसके परिजन परेशान हो गए थे।

भाई ने सुनाई व्यथा

नफीजा के भाई आशिक ने बताया कि उसकी बहन जल गई थी, तो वे लोग उसे लेकर रिम्स पहुंचे। लेकिन रिम्स की व्यवस्था देख वह परेशान हो गया। उसके मरीज को देखने वाला कोई नहीं था। डॉक्टर ने भी उस पर ध्यान नहीं दिया।