घटना के बाद कानून पेश

पश्चिमी प्रांत में यह संशोधन कानून उस घटना के बाद पेश किया जिसमें कैरनिटा मैथ्यूज नाम की एक मुस्लिम महिला ने जून, 2010 में एक वरिष्ठ कांस्टेबल पर जबरन बुर्का उतरवाने का झूठा आरोप लगाया था. इस झूठे आरोप के चलते महिला को छह महीने की सजा हुई थी. हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया था क्योंकि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि वह वही बुर्का पहले महिला थी, जिसने बयान पर दस्तखत किए थे.

पहचान के लिए पुलिस को अधिकार

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के अटार्नी जनरल माइकल मिश्चिन के मुताबिक, राज्य के आपराधिक जांच (लोगों की पहचान करना) संशोधन विधेयक में पुलिस अधिकारियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं. इसके तहत अधिकारी मोटरसाइकिल सवार का हेलमेट, महिला के चेहरे से बुर्का या अन्य व्यक्ति जो किसी भी चीज से अपना चेहरा ढके हुए हो उसे चेहरा दिखाने के लिए बाध्य कर सकते हैं.

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