कानपुर। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग हुई। इस दाैरान रजिस्ट्री डीड्स पर बदलाव का भी फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के अाधिकारिक ट्विटर अकाउंट के ट्वीट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री डीड्स पर अब एक फीसदी रजिस्ट्री शुल्क लगेगा। इससे निम्न व मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें अब भू-सम्पत्ति की कुल कीमत का 1 प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क देना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके साथ ही सरकार ने रजिस्ट्री शुल्क को 2प्रतिशत या अधिकतम 20 हजार सीमा को खत्म कर दिया।
रजिस्ट्रीकरण शुल्क की सारणी में संशोधन का निर्णय pic.twitter.com/jYUTHNXTVX
— Government of UP (@UPGovt) February 5, 2020
अधिकतम 20 हजार पंजीकरण शुल्क
इससे बड़ी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर अधिक शुल्क देना होगा। इस निर्णय से राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। अभी तक जो दो प्रतिशत या अधिकतम 20 हजार पंजीकरण शुल्क लागू था उससे एक लाख रुपये पर 2,000 रुपये व 10,00,000 रुपये की रजिस्ट्री पर 20 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ता था। इससे ज्यादा की संपत्ति पर भी अधिकतम 20 हजार ही रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान किया जाता था। इसके अलावा इस दाैरान मीटिंग में 28 नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी के अलावा कई अन्य बड़े फैसले लिए गए।
दूसरे राज्यों से आने वाले उपखनिजों पर टैक्स
कैबिनेट ने उप्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा नियमावली-2002 में संशोधन को हरी झंडी प्रदान कर दी है। सहकारी समितियों के बकाया की वसूली के लिए जिलाधिकारी द्वारा कुर्क अमीनों की तैनाती की जाती है। इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले उपखनिजों पर लगेगा टैक्स प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले बालू, मौरंग, गिट्टी, पत्थर सहित अन्य उपखनिजों पर टैक्स लगाने का निर्णय किया है। इससे प्रदेश के खनन कारोबारियों को राहत मिलेगी। यह टैक्स प्रदेश में उपखनिजों के बाजार मूल्य के अनुसार लगाया जाएगा।
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