दो साल में दोगुने हुए कॉल रेट

भारती एयरटेल, वोडाफोन सहित कई कंपनियों का कहना है कि ट्राई की सिफारिशों पर नीलामी के बाद कॉल करना और मैसेज कीमतों में बढ़ोती करनी ही पड़ेगी. इन कंपनियों की लाइसेंस अवधि 2014 में खत्म हो रही है. पिछले दो सालों में मोबाइल कॉल रेट दुगनी हो चुकी हैं. इस समय कॉल रेट 90 पैसे से लेकर 1.20 रुपये प्रति मिनट तक हैं.

नीलामी कीमतों को लेकर मतभेद

कंपनियों का कहना है कि टूजी स्पेक्ट्रम की नीलामी का बेस प्राइज 2001 में तय की गई कीमत 1650 करोड़ रुपये होनी चाहिए. वहीं कुछ कंपनियां मार्च में हुई नीलामी की बेस प्राइज में 84 फीसदी तक कमी की बात कह रही हैं. जबकि रिलायंस जैसी कंपनियों ने स्पेक्ट्रम कीमतों में किसी भी तरह की कमी का विरोध किया है. उनका कहना है कि पिछली नीलामी के बेस प्राइज पर ही नीलामी होनी चाहिए.

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