कानपुर। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भविष्य में लोगों को कैंसर के चलते जान नहीं गंवानी पड़ेगी। उन्होंने इस बीमारी से लड़ने का नया तरीका खोज निकाला है। लंदन स्थित फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का मानना है कि किसी अनजान व्यक्ति से बॉडी में इम्यून सेल्स को ट्रांसप्लांट करके कैंसर को खत्म किया जा सकता है। मरीजों को अगले साल से यह नया उपचार मिलना शुरू हो जाएगा और रिसर्च टीम अब इस रोग से लड़ने वाली सेल्स को जुटाने के लिए 'इम्यून बैंक' का निर्माण करना चाहती है। द क्रिक में इम्यूनोलॉजी विशेषज्ञ प्रोफेसर एड्रियन हेयडे के अनुसार, अब वैज्ञानिकों व चिकित्सकों की भूमिका इंजीनियर सरीखी हो जाएगी जो शरीर में कीमोथेरेपी की बौछार करने की जगह उसे अपग्रेड करने का काम करेंगे। प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने के लिए तैयार करना इसके इलाज का सबसे प्रभावी तरीका है।
मरीजों पर दिख रहा असर
ओटावा सिटीजन में ऑनलाइन प्रकाशित रिपोर्ट में प्रोफेसर हेयडे ने शुरुआती परिणामों के बारे में बताते हुए कहा है कि कोशिकाओं जिन्हें नैचुरल किलर सेल्स नाम दिया गया असरकारक साबित हुई हैं। अभी शुरुआती दौर है, हालांकि कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें इस वर्ष, अगले वर्ष व इसके बाद भी यह सेल्स दिए जाएंगे, अच्छी बात यह है कि किसी अन्य इम्यूनोथेरेपी की तुलना में यह कोशिकाएं शरीर रिजेक्ट नहीं करता है। आने वाले दिनों में कोशिकाओं के बैंक हो सकते हैं जहां से प्रत्यारोपण के ठीक पहले कोशिकाएं मरीजों तक पहुंचाई जा सकेंगी।
टूटी पुरानी धारणा
अभी तक वैज्ञानिक यह मानते रहे हैं कि किसी अजनबी की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को किसी अन्य में प्रत्यारोपित करना बिना दवाओं के उपयोग के संभव नहीं है। जो बीमारी से लड़ने में मददगार साबित नहीं होगा। बहरहाल नई रिसर्च बताती है कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं अन्य कोशिकाओं से ठीक उलट हैं और किसी अन्य व्यक्ति में जीवित रह सकती हैं। जिसने उनके प्रत्यारोपण के दरवाजे खोल दिए हैं।
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