- तेजी से नेताओं के खिलाफ लिये जा रहे एक्शन में भी आयी कमी

- नाराज नेताओं को मनाने की भी कवायद

- मौर्या की ओर से नयी पार्टी बनाने के मिल रहे संकेत

LUCKNOW (12 July): स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी से बाय-बाय कहने के बाद बहुजन समाज पार्टी से शुरू हुआ बगावत का सिलसिला रोकने के लिए बीएसपी ने पूरा जोर लगा दिया है। नाराज नेताओं को कोआर्डिनेटर्स के जरिये मनाया जा रहा है और कुछ टिकट में भी एडजस्ट करने का भरोसा दिलाया जा रहा है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि एक के बाद एक पार्टी छोड़कर जाने वालों की लिस्ट लंबी ना हो और जाने वालों से पार्टी का कौन कौन सा नेता संपर्क में है, इसके बारे में बीएसपी ने अपनी इंटेलीजेंट भी लगा रखी है।

कई टिकटों में बदलाव संभव

बीएसपी ने हारी हुई सीटों पर काफी पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा सीट के प्रभारी बनाकर कर दी थी। इसमें कुछ के खिलाफ बीएसपी सुप्रीमो को निगेटिव रिपोर्ट भी मिली है। लेकिन हाल के दिनों में हुए घटनाक्रम के बाद से बसपा ने ना तो पार्टी से किसी को बाहर किया है और ना ही टिकट में कोई अधिक बदलाव किया है। माना जा रहा है कि मायावती स्वामी प्रसाद मौर्या के बाद शुरु हुए सिलसिले को रोकने के लिए अभी कोई एक्शन प्रत्याशियों या विधायकों के खिलाफ नहीं ले रही हैं।

हरदोई के नेताओं को वापस लाने का भी प्रयास

हाल ही में पार्टी से बाहर किये गये हरदोई के दो पूर्व विधायक और मंत्री को भी पार्टी में वापस लेने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन उन नेताओं ने साफ तौर पर बसपा में जाने से मना कर दिया है। इसमें दो मुस्लिम चेहरा शामिल है। इसी पीलीभीत से निकाले गये एक नेता को भी पार्टी में वापस लाने के लिए बीएसपी की ओर से लामबंदी की जा रही है। बीएसपी को सबसे ज्यादा नुकसान प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, कुशीनगर बेल्ट में नजर आ रहा है। इलाहाबाद में बीएसपी सरकार में मंत्री रहे नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उसके बाद से इलाहाबाद में बीएसपी की एक अदद मजबूत नेता की तलाश पूरी नहीं हो सकी है।

हटाये नहीं गये, खुद छोड़ा जोनल कोऑर्डिनेटर का पद

नसीमुद्दीन के कद घटाये जाने की खबरों के बीच उनके समर्थक यह मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं उन्होंने खुद अपना भार कम किया है। क्योंकि नसीमुद्दीन के पास लखनऊ, कानपुर के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भी जिम्मेदारी थी। नसीमुद्दीन के एक करीबी ने बताया कि उन्होंने अपना बोझ कम करने के लिए मायावती से कहा था जिसके बाद मायावती ने उनके स्थान पर अशोक सिद्धार्थ को कोऑर्डिनेटर बना दिया था।

नयी पार्टी बनायेंगे स्वामी !

स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी नयी पार्टी बनायेंगे। इसके संकेत उनके करीबियों की ओर से दिये गये हैं। सूत्रों का कहना है कि 22 सितंबर को इसकी घोषणा की जाएगी। स्वामी प्रसाद मौर्य उन तमाम नेताओं को अपने साथ करने का प्रयास कर रहे हैं जो हाल में बसपा से बाहर आये हैं। स्वामी प्रसाद की नजर उन प्रत्याशियों पर भी है जिनके टिकट मायावती ने काट दिये थे। जानकार कहते हैं कि मौर्या अपनी नयी पार्टी बनाकर प्रदेश में किसी राजनैतिक दल के साथ गठबंधन कर सकते हैं।