नई दिल्ली (पीटीआई)। केंद्र और सीबीएसई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने 1 से 15 जुलाई तक होने वाली दसवीं परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। साथ ही 12वीं परीक्षा को ऑप्शनल रखा है। न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अवगत कराया कि बारहवीं कक्षा के छात्रों को उनकी पिछली परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि यह भी बताया कि 12वीं के स्टूडेंट अगर चाहें तो एग्जाॅम दे सकते हैं, बोर्ड ने 12वीं परीक्षा को ऑप्शनल रखा है।

10वीं की परीक्षा कैंसिल, 12वीं एग्जाॅम को रखा ऑप्शनल

लाखों छात्र, जो CBSE बोर्ड परीक्षा 2020 के लिए उपस्थित हुए थे। वे बोर्ड की लंबित परीक्षाओं पर CBSE बोर्ड के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे थे। कोरोना वायरस के प्रकोप और देशव्यापी तालाबंदी के कारण, कुछ परीक्षाएं छूट गई थी। ऐसे में बोर्ड ने बाकी बचे विषयों के एग्जाॅम के लिए दोबारा नई डेटशीट निकाली थी। मगर बच्चों के अभिभावक इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। कोर्ट में बताया गया कि, सीबीएसई ने क्लाॅस 10th के एग्जाॅम पूरी तरह से कैंसिल कर दिए हैं जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं बाद में आयोजित करवाई जाएंगी मगर यह ऑप्शनल होंगी। यानी जो स्टूडेंट चाहे, वो एग्जाॅम दे सकता है। बाकी छात्रों को उनकी पिछली परीक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।

अगस्त तक आ जाएगा रिजल्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को आंतरिक मूल्यांकन के लिए योजना को लेकर अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है। बोर्ड ने कहा है कि वह कल ही इसकी सूचना देगा। सीबीएसई ने कहा है कि परिणाम मध्य-अगस्त में घोषित किया जाएगा। नए शैक्षणिक सत्र के बारे में, बोर्ड ने कहा कि यदि परीक्षाएं अगस्त में होती हैं, तो नया शैक्षिक सत्र सितंबर में शुरू होगा।

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