नई दिल्ली (पीटीआई)। 2021 को लेकर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी व सीईओ धीरज रेली ने कहा कि दुनिया कोविड महामारी को मातदेखकर बाहर निकली ही थी कि मार्च में वायरस की दूसरी लहर ने अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि अक्टूबर तक निफ्टी में तेजी रही। हालांकि बाद में इसमें अच्छा-खास सुधार भी देखने को मिला। बड़े पैमाने पर नगदी के प्रवाह, कम ब्याज दरें, तुलनात्मक रूप से जल्दी रिटर्न और दूसरी पूंजियों में कम रिटर्न की वजह से भारत का बाजार पूंजीकरण जीडीपी के अनुपात में ऑल टाइम हाइ पर पहुंच गई।

ब्याज बढ़ाना शुरू कर सकते हैं केंद्रीय बैंक

2022 की ओर जाते हुए हम और ज्यादा सामान्य मौद्रिक नीति देखेंगे और वित्तीय बाजार से निवेशक और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकेंगे। केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकते हैं लेकिन यह महंगाई की तुलना में काफी कम रहेगा। केंद्रीय बैंक और आर्थिक हालात को लेकर उनके आंकलन आगे और बीच में हो सकते हैं जिनके आधार पर 2022 में निवेश की रणनीति तय होने की उम्मीद है।

भारतीय शेयर बाजार के समझ कई चुनौतियां

2021 के सुपर शो के बाद भारतीय शेयर बाजार के मूल्यांकन को लेकर यूरोपीय बाजार और एशियाई लोग काफी सतर्क हैं। भारतीय शेयर बाजार के सामने अमेरिकी ब्याज दरों की साइकिल, तेल कीमतों में बढ़ोतरी, प्रमुख राज्यों में चुनाव, कोविड की तीसरी लहर की आशंका, घरेलू ब्याज दरों में महंगाई और लगातार अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जैसी कई चुनौतियां सामने है।

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