-प्रतापगढ़ में मजिस्ट्रेट से दु‌र्व्यवहार में मामले में कार्यवाही खत्म

-लखनऊ के अधिवक्ता के मामले में सुनवाई 11 दिसंबर को

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाई कोर्ट के सात वरिष्ठ न्यायाधीशों की वृहदपीठ ने जिला कचेहरियों में आयेदिन मारपीट व अफरातफरी से न्यायिक कार्य में अवरोध उत्पन्न होने की घटनाओं को गंभीरता से लिया। अलीगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के साथ बदसलूकी करने के मामले में कोर्ट ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सारस्वत, अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह व गणेश शर्मा के खिलाफ अवमानना का आरोप निर्मित करते हुए सफाई मांगी है।

इसी प्रकार कोर्ट ने प्रतापगढ़ में एक मजिस्ट्रेट से दु‌र्व्यवहार के मामले में आरोपी वकीलों के खिलाफ संलिप्तता के साक्ष्य के अभाव में अवमानना कार्यवाही समाप्त कर दी है। लखनऊ के अधिवक्ता शिवराज निगम के खिलाफ मामले की सुनवाई 11 दिसंबर को होगी। जिला कचेहरियों की सुरक्षा एवं शांतिपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया संचालित करने के उद्देश्य से गठित मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड, न्यायमूर्ति राकेश तिवारी, न्यायमूर्ति वीके शुक्ल, न्यायमूर्ति अरुण टंडन, न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल, न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एपी साही की वृहदपीठ मामले की सुनवाई कर रही है।

अभद्रता मामले में वकील को राहत

अदालत ने जिला कचेहरी में इंस्पेक्टर कर्नलगंज से अभद्रता करने वाले अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई समाप्त कर दी है। उनके खिलाफ आरोपों के साक्ष्य नहीं पाए गए। इससे पहले अदालत ने आरोपी अधिवक्ता के कचेहरी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।