नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया और फेक न्यूज को लेकर जागरूकता पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आज के दाैर में सोशल मीडिया को कम करके नहीं आंका जा सकता है। इस पर आई एक छोटी सी फेक न्यूज देश में अराजकता पैदा कर सकती है। प्रधानमंत्री ने लोगों से सोशल मीडिया पर मैसेज शेयर करने से पहले उसके फैक्ट्स यानी कि तथ्यों की जांच करने की अपील की। इसके साथ ही कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले लोगों को 10 बार सोचना चाहिए। इसके साथ ही कहा कि हमें नए जमाने की तकनीकों को समझने की जरूरत है। हम 5G युग में प्रवेश कर चुके हैं। इसलिए हमें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

फर्जी खबरों का फैक्ट चेक करना बहुत जरूरी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के हरियाणा में एक 'चिंतन शिविर' को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "कानून का पालन करने वाले नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए, नकारात्मक ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हमारी जिम्मेदारी है। हमें लोगों को कुछ भी फॉरवर्ड करने से पहले सोचने के लिए शिक्षित करना होगा, विश्वास करने से पहले सत्यापित करना होगा। 'फर्जी खबरों का फैक्ट चेक जरूरी है।

फैक्ट चेक के लिए जागरूक किया जाना चाहिए
इसमें टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका होती है। लोगों को संदेशों को भेजने से पहले फैक्ट चेक के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी को सोशल मीडिया को सूचना के स्रोत तक सीमित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंगल फेक न्यूज के एक टुकड़े में नेशनल कंसर्न का सबजेक्ट बनने की क्षमता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर फर्जी खबरों से देश को नुकसान उठाना पड़ा है।

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