बीजेपी लेगी मृत मांओं के बच्चों को गोद

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी नसबंदी कैंप के दौरान चिकित्सिकीय असावधानियों की शिकार हुई महिलाओं के बच्चों को बीजेपी सरकार ने गोद लेने का फैसला किया है. छत्तीसगढ़ सरकार इन बच्चों के नाम पर दो-दो लाख रुपये फिक्स्ड डिपोजिट करेगी. इसके साथ ही सरकार इन बच्चों की एजुकेशन का पूरा खर्चा उठाने को तैयार है. गौरतलब है कि सरकार ने इन बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए एक हैल्थ कार्ड इश्यू करने का फैसला किया है. इस हैल्थ कार्ड की मदद से इन महिलाओं के बच्चे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में निशुल्क इलाज करवा सकते हैं.

सीएम रमन सिंह ने लिया फैसला

छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर नसबंदी हादसे के बाद इस मामले में त्वरित कदम उठाते हुए कई फैसले लिए हैं. इन फैसलों में मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन, कथित आरोपियों की गिरफ्तारियां और अब बच्चों को गोद लेना शामिल है. गौरतलब है कि सीएम रमन सिंह ने हाल ही में उच्चस्तरीय मीटिंग के दौरान बच्चों को गोद लेने और हैल्थ कार्ड जारी करने जैसे फैसले लिए हैं.

कैसे घटा नसबंदी हादसा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी कैंप लगाकर गरीब महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था. लेकिन इस कैंप में सिर्फ एक डॉक्टर ने असामान्य रूप से कुछ घंटों के भीतर ही 83 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन कर डाला. इन महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन के दौरान जरूरी एहतियात ना बरते जाने के कारण 13 महिलाओं की नसबंदी ऑपरेशन के बद मौत हो गई. इसके साथ ही 122 महिलाएं अभी भी कई अस्पतालों में गंभीर रूप से पीड़ित हैं. गौरतलब है कि सरकार ने आरोपी डॉक्टर को अरेस्ट कर लिया है. इसके साथ ही तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. लेकिन डॉक्टर ने इस मामले में दवाओं की क्वालिटी को जिम्मेदार ठहराया है. इससे राज्य सरकार पर प्रश्न उठ रहे हैं.

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