बीजिंग (आईएएनएस)। चीन ने मंगलवार को G7 समिट में हांगकांग को लेकर तमाम नेताओं द्वारा दिए गए संयुक्त बयान पर आपत्ति जताई है। उसने कहा है यह पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है। बता दें कि फ्रांस में आयोजित जी 7 समिट के दौरान तमाम देशों के नेताओं ने बैठक में हांगकांग की स्वायत्तता का समर्थन किया था। साथ ही हांगकांग में शांति की अपील भी की। उन्होंने संयुक्त बयान में कहा कि साल 1984 में ही ब्रिटेन और चीन के बीच समझौते में हांगकांग की स्वायत्ता तय की गई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने जी 7 देशों के नेताओं पर हांगकांग के मामले में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया और कहा, 'हांगकांग के नागरिकों और चीनी लोगों के अलावा कोई भी हांगकांग की समृद्धि और शांति की परवाह नहीं करता है और हम अपने मसलों को अच्छी तरह से संभाल सकते हैं। यह चीन का आंतरिक मामला है। इसमें किसी तीसरे को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।'

अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, कोई भी देश इस मामले में नहीं कर सकता हस्तक्षेप

गेंग ने आगे कहा, 'मैं जी 7 सदस्यों को सलाह देना चाहता हूं कि वे दूसरों की बात पर ध्यान ना दें। G7 मध्यस्थता कर तनावों को बढ़ावा दे रहा है। हांगकांग को लेकर दिए गए संयुक्त बयान पर हम कड़ी आपत्ति जताते हैं। चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा का अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चीन हांगकांग को वापस ले। चीन के हिस्से में आने के बाद चीनी सरकार हमारे संविधान और कानून के आधार पर हांगकांग को नियंत्रित करती है। अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मामलों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों के अनुसार, कोई भी देश या संगठन इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।'

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दो महीने से प्रदर्शन जारी

बता दें कि हांगकांग में बीजिंग समर्थित सरकार द्वारा प्रत्यर्पण विधेयक को पारित कराने के प्रयास के विरोध में दो महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन जारी है। विधेयक के विरोधी इसे हांगकांग की स्वायत्तता में एक बड़ी सेंध मान रहे हैं। पुलिस ने सोमवार को बेहद हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिये पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।

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