RANCHI: धनबाद के युवक शिव सरोज कुमार की रांची में कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित सेवा सदन के सामने खुदकुशी मामले में सीआइडी का अनुसंधान शुरू हो गया है। एडीजी एमवी राव की सख्ती के बाद सीआइडी में लंबित पड़े सभी पुराने व नए केसों के अनुसंधान को क्लियर कर रिपोर्ट देने का निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिया गया है। शिव सरोज ने पुलिस प्रताड़ना के कारण खुदकुशी की थी। मामले में सीएम ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया था, वहीं डीएसपी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। सीसीटीवी फुटेज मिले सीआइडी के एसपी सुनील भास्कर के नेतृत्व में एक टीम बुधवार को कोतवाली थाना व खुदकुशी स्थल का निरीक्षण की। टीम खुदकुशी के बाद पेड़ से फंदे के सहारे लटके शिव सरोज को सबसे पहले देखने वाले एंबुलेंस चालक से भी मिली और उसका बयान लिया। टीम ने पंचनामे के वक्त जिस गवाह के हस्ताक्षर करवाए थे, उसमें एक की पिछले माह ही मौत हो चुकी है। सभी चश्मदीदों ने जांच टीम को बताया था कि शिव सरोज को खुदकुशी के पूर्व बड़ा तालाब के पास टहलते हुए देखा था। अंतिम बार उनलोगों ने उसे पेड़ से फांसी के सहारे लटकते हुए देखा था। सीआइडी को शिव सरोज से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं, जिसकी जांच होनी अभी बाकी है। क्या है मामला गौरतलब है कि शिव सरोज ने मरने से पूर्व पीएम-सीएम सहित सभी अधिकारियों को सुसाइड नोट ई-मेल किया था। वहीं, डीएसपी व थानेदार के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उसने बताया था कि पुलिस की प्रताड़ना के कारण वह खुदकुशी कर रहा है। शिव सरोज की खुदकुशी के बाद पुलिस पर उठे सवाल को देखते हुए पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को दिया गया था। शिव सरोज मामले में एक प्राथमिकी स्वयं शिव सरोज कुमार ने चुटिया थाने में अपने साथ अपहरण, मारपीट व लूटपाट की कराई थी, जबकि दूसरी प्राथमिकी शिव सरोज की खुदकुशी के बाद उसके पिता सुरेश कुमार ने डीएसपी व थानेदार पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की दर्ज कराई थी। क्वोट मैंने पुराने मामले का अनुसंधान करने का जिम्मा सीआईडी को दिया है, ताकि विक्टिम परिवार को न्याय मिल सके और दोषियों को सजा। -एमवी राव, एडीजी, सीआईडी