बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प करेगा स्वास्थ्य विभाग

-घरों में घुसा वरुणा का पानी, तहसीलदार सदर को बाढ़ चौकियों पर नजर रखने का आदेश

VARANASI

गंगा एक बार फिर उफान पर है। हर घंटे 3 सेमी की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है जो खतरे की बिंदु के करीब पहुंच गया है। 24 घंटे में जलस्तर 15 फुट बढ़ने से दशाश्वमेध घाट पर शीतला मंदिर और जल पुलिस थाने में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। वरुणा में भी अचानक पानी बढ़ने से आसपास रहने वालों की मुकिश्लें बढ़ गई हैं। उधर, प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए तहसीलदार सदर को बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को मुस्तैद करने का आदेश दिया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग, एनडीआरएफ, नगर निगम, जल पुलिस को सर्तक रहने को कहा गया है।

कैम्प करने का आदेश

मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण गंगा में तेज बढ़ाव का असर वाराणसी से समेत पूर्वाचल में देखने को मिल रहा है। वाराणसी में अस्सी से राजघाट के बीच सभी घाटों के संपर्क मार्ग, गंगा आरती स्थल और शवदाह स्थल पहले से ही बाढ़ के पानी में डूबे हैं। गंगा का रुख शहर की तरफ होने की आशंका में अब प्रशासनिक अधिकारियों ने संबंधित विभागों को हर स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है। एडीएम फाइनेंस सतीश पाल ने सीएमओ को चिकित्सकों की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प करने, नगर निगम को सफाई व्यवस्था, पशु के चारे की व्यवस्था, एनडीआरएफ, पीएसी को राहत बचाव कार्य में जुटने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि गंगा में नाव संचालन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए।

खाली किए मकान

गंगा किनारे के निचले इलाकों में रहने वालों ने फिर से घर खाली करना शुरू कर दिया है। इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा तो रविवार तक गंगा चेतावनी बिंदु को पार करने के साथ दशाश्वमेध और अस्सी की ओर से बाढ़ का पानी सड़क पर आ जाएगा। उधर, गंगा के उफान से वरुणा नदी में पलट प्रवाह से वरुणा कॉरीडोर पूरी तरह डूब गया है। वरुणा किनारे के एक दर्जन मोहल्लों में बाढ़ का पानी फैलने से लोग सामन लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।

बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग द्वारा शनिवार शाम सात बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक वाराणसी में जलस्तर 69.94 मीटर रहा। गंगा में पानी का बढ़ाव प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर दर्ज किया गया। गाजीपुर व मीरजापुर में जलस्तर चेतावनी बिंदू से नीचे है। बलिया में जलस्तर खतरे के निशान 57.61 मीटर से बस तीस सेंटीमीटर नीचे है।