- एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, ईसीसी को डिग्री देगा यूनिवर्सिटी

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ बहाली की मांग को फिलहाल उम्मीद की किरण नजर आई है। गुरुवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इसके लिए एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। इस कमेटी के सुझाव के बाद मामला हाई पावर कमेटी और फिर हाईकोर्ट में जाएगा। इसके बाद पुन: कार्य परिषद की बैठक में इस मामले पर कोई निर्णय होगा। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में छात्रसंघ बहाली को लेकर लंबी चर्चा चली। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण निर्णयों पर भी काउंसिल ने अपनी मुहर लगाई है।

किसी ने नहीं किया छात्रसंघ का विरोध

इलाहाबाद विवि में बुलाई गई एकेडमिक काउंसिल की बैठक का मुख्य मुद्दा छात्रसंघ बहाली की छात्रों की मांग थी। बैठक के पहले ही पहुंचे छात्रों ने काउंसिल के सदस्यों से छात्रसंघ बहाली के पक्ष में बोलने की अपील की। इसके बाद बैठक में यह मसला उठा तो किसी ने मांग का विरोध नहीं किया।

कमेटी का किया गया गठन

चर्चा के दौरान कार्यवाहक कुलपति प्रो। आरआर तिवारी ने छात्रसंघ बहाली को लेकर कमेटी के गठन का निर्णय लिया। जिसमें उन्होंने कहा कि चीफ प्राक्टर प्रो। आरके उपाध्याय और डीएसडब्ल्यू प्रो। केपी सिंह को इस कमेटी में रखा जाएगा। यह कमेटी लिंगदोह समिति के सिफारिशों के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका का गहनता से अध्ययन कर अपने सुझाव हाईपावर कमेटी को देगी। हाईपॉवर कमेटी इस पर कोई निर्णय लेगी फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट को इससे अवगत कराया जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद कार्यपरिषद में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

जेके में नहीं होगा एमसीए

एकेडमिक काउंसिल की बैठक में अन्य कई निर्णय भी लिए गये। इनमें इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के जेके इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड फिजिक्स एंड टेक्नोलॉजी में नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 से मॉस्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) में प्रवेश नहीं दिए जाने का निर्णय शामिल रहा। छात्र-छात्राओं को एमसीए की पढ़ाई के लिए अब केवल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्ट्डीज (आइपीएस) में ही प्रवेश मिलेगा। बता दें कि जेके इंस्टीट्यूट में एमसीए में वर्ष 2018 से प्रवेश शुरू हुआ। आइपीएस में वर्ष 2007 से ही एमसीए की पढ़ाई हो रही है। एक ही विश्वविद्यालय में एक कोर्स दो विभागों में संचालित किया जा रहा था।

डिग्री में दर्ज होगा विषय और थिसिस का प्रकार

विवि के शोध छात्रों को दी जाने वाली डिग्री में बदलाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। अब तक डिग्री में संकाय का नाम दर्ज रहता था। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रामेंद्र कुमार सिंह ने प्रस्ताव रखा कि डिग्री में विषय और थिसिस का प्रकार भी दर्ज किया जाए। इस पर काउंसिल ने मुहर लगा दी है।

ईसीसी को विवि देगा डिग्री

चालू सत्र में ईसीसी को विवि की ओर से डिग्री देने का निर्णय लिया गया। परीक्षा नियंत्रक की ओर से तर्क दिया गया कि ईसीसी स्वायत्त संस्था है। जब इविवि परीक्षा नहीं कराता और न प्रवेश देता है तो डिग्री क्यों दी जाए। इस पर कहा गया कि फिलहाल चालू सत्र में डिग्री दी जाए। ईसीसी की ओर से कोई प्रतिनिधि न होने के चलते इस मसले पर ज्यादा चर्चा भी नहीं हो सकी। इस मामले पर फैसले के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है।

छात्रसंघ बहाली को लेकर कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी लिंगदोह समिति के सिफारिशों के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका का गहनता से अध्ययन कर अपने सुझाव हाईपावर कमेटी को देगी। हाईपॉवर कमेटी इस पर कोई निर्णय लेगी फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट को इससे अवगत कराया जाएगा।

प्रो.आरआर तिवारी, कार्यवाहक कुलपति