- बड़ागांव में पति ने दूसरी शादी करने के बाद पहली पत्‍‌नी व उसकी तीन बेटियों को निकाला घर से

- गांव की महिलाएं पीडि़त पत्‍‌नी व बच्चों को साथ लेकर पहुंचीं थाने, मिला इंसाफ

VARANASI : मंगलवार को बड़ागांव के करोमा गांव में पति की बेवफाई से परेशान पहली पत्नी ने पति से बच्चों व खुद का खर्चा न मिलने पर थाने पहुंच बखेड़ा खड़ा कर दिया। पत्‍‌नी का आरोप था कि छह साल पहले उसके पति ने दूसरी शादी करने के बाद उसे व उसकी तीन बच्चियों को घर से निकाल दिया और जीवन काटने के लिए खर्चा भी नहीं देता है। इस जुल्म के सामने आते ही गांव की महिलाएं एकजुट हो गई और पीडि़त महिला व उसकी बच्चियों को साथ लेकर थाने जा पहुंचीं और वहां उसके पति को बुलवाकर इंसाफ दिलवाया।

किसी को नहीं लगने दी भनक

मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में लाठी-डंडा संग महिलाएं थाने पहुंचीं तो उन्हें देख पुलिस के पसीने छूटने लगे। जब पुलिस ने उनसे यहां आने का कारण पूछा तो महिलाओं ने पूरा मामला सामने रखा। इसके बाद पुलिस जांच में जुट गई। बताते हैं कि करोमा गांव के जितेंद्र की पहली शादी जलालपुर जौनपुर की सुषमा देवी से हुई थी। शादी के बाद उन्हें तीन बेटियां हुई। इसी बीच जितेंद्र की बांदा स्थित महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में नौकरी लग गई। कार्यवाहक प्राचार्य के पद पर रहते हुए उसने छह साल पूर्व कोर्ट में फर्जी तलाकनामा दायर कर रिया देवी से शादी कर ली। रिया और जितेंद्र के दो बेटे हैं। दूसरी शादी की बात जितेंद्र ने अपने पिता व फैमिली के अन्य मेंबर्स से छिपाकर रखी थी। इस दौरान जीतेन्द्र त्यौहार पर गांव आता और कुछ समय बीताने के बाद चला जाता।

तेरही पर पता चली बात

दो सप्ताह पूर्व जितेंद्र के पिता की मौत हो गई थी। सूचना मिलने पर वह अपनी दूसरी पत्‍‌नी व बेटों के साथ कोरमा गांव पहुंचा। उसके साथ दूसरी महिला व बच्चों को देख गांव वाले देखकर भौचक रह गए लेकिन शोक के चलते किसी ने पूछा नहीं। सोमवार को मामला उस समय बिगड़ गया जब जितेंद्र ने अपनी पहली पत्नी सुषमा व तीन बेटियों को घर से निकाल दिया। मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों को इसका पता चला तो वे खुलकर सामने आ गए। गांव की कई महिलाएं सुषमा व उसकी बच्चियों को ट्रैक्टर से लेकर थाने पहुंचीं और थानेदार को पूरे मामले से अवगत कराया। इस पर थानेदार राजेश यादव गांव पहुंचे और जितेंद्र को साथ ले आए। थाने आने के बाद जितेंद्र ने पहले तो दूसरी शादी की बात से इनकार किया लेकिन पुलिस के सख्त होते ही सब कबूल दिया। अंत में जितेंद्र ने पहली पत्नी व तीनों बेटियों की परवरिश के लिए आधा वेतन देने के मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिया तब जाकर मामला शांत हुआ।