- सिम्पटम्स दिखें तो लापरवाही न बरतें, तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क

- कोरोना इन्फेक्टेड के संपर्क में आने से बचें, अपनी सुरक्षा खुद करें

देहरादून।

कोरोना वायरस के हमले के बाद हर किसी के मन में दहशत है। हालत यह है कि परिवार में किसी को जरा सी छींक, खांसी या गले में खराश हो, घर में सभी लोगों के मन में एक डर पैदा हो जाता है। कहीं हमें या हमारे अपनों को भी तो कोरोना ने नहीं जकड़ लिया। जबकि एक्सप‌र्ट्स और सरकार लगातार सभी को जागरूक कर रही है कि कोरोना से डरना नहीं है। बल्कि सिर्फ अवेयर रहकर ही इस मुसीबत से लड़ा जा सकता है। अगर आपके घर में भी किसी को कोरोना के सिम्प्टम्स दिखें, तो आपको क्या करना है, एक्सप‌र्ट्स की राय लेकर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट आपको बता रहा है, इसका मुकाबला करने का सही तरीका।

क्या हैं सिम्प्टम्स

-कई दिनों से सूखी खांसी

-दो दिन से ज्यादा तेज बुखार

-सांस लेने में दिक्कत

अगर ये सिम्प्टम आपको कई दिन से हैं तो किसी हालत में इन्हें इग्नोर न करें। इसके अलावा किसी इन्फेक्टेड के सीधे संपर्क में आने पर भी तुरंत टेस्ट कराने की जरूरत है।

कहां कराएं टेस्ट

कोरोना का टेस्ट कराने के लिए गवर्नमेंट की तरफ से फ्री टेस्ट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कई प्राइवेट पैथोलॉजी लैब्स में भी कोरोना का टेस्ट हो रहा है। जिसकी कीमत 4500 रुपये रखी गई है।

किसको करें इन्फॉर्म

-सिम्प्टम्स को लेकर शंका होने पर आप अपने फैमिली डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

-डॉक्टर की एडवाइज के बाद आप गवर्नमेंट टेस्ट सेंटर पर जा सकते हैं।

-डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के साथ प्राइवेट पैथोलॉजी पर टेस्ट करवा सकते हैं।

-दून में कोविड हॉस्पिटल दून हॉस्पिटल में सीधे संपर्क कर सकते हैं।

-कंट्रोल रूम नंबर 112 पर कॉल कर हेल्प मांग सकते हैं।

टेस्ट पॉजिटिव आने पर क्या होगा

- एसिम्प्टोमेटिक केस- होम क्वारंटीन

- माइल्ड केस- डॉक्टर्स के ऑब्जर्वेशन में कोविड-19 सेंटर में आइसोलेशन

- सीरियस केस- कोविड-19 हॉस्पिटल में एडमिट

(एडमिट होने पर दवा का खर्च सिर्फ लगभग 20 रुपये ही आएगा)

होम क्वारंटीन के नियम

-पीडि़त को अलग कमरे में रखें।

-पीडि़त की देखभाल सिर्फ एक ही मेंबर करे।

-पीडि़त और केयर करने वाला दोनों ही मास्क पहनें।

-सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही रूम में जाएं।

-पीडि़त लगातार अपने हाथों और यूज करने वाली चीजों को सेनिटाइज करे।

-नहाने के बाद अपने कपड़े खुद ही धोए।

-केयरटेकर भी रूम में जाने के बाद अपने कपड़े डिटर्जेट में भिगो दे।

-रूम में डोर हैंडल, मोबाइल, टीवी रिमोट को भी सेनिटाइज करें।

-छोटे बच्चे, सीनियर सिटीजन, प्रेग्नेंट लेडी पीडि़त के रूम में न जाएं।

-व्हाटसएप या टेलीमेडिसिन के जरिए अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें।

हॉस्पिटल क्वारंटीन के नियम

-हॉस्पिटल द्वारा दिए गए सभी नियमों का पालन करें।

-पेशेंट से मिलने न जाएं।

-समय पर दवाएं लें।

क्या घर पर हो सकता है टेस्ट

- कुछ प्राइवेट लैब्स होम विजिट फीस के साथ घर से ले सकती हैं।

- किसी दूसरी बीमारी के सीरियस पेशेंट, सीनियर सिटीजन जैसे स्पेशल केसेस में गवर्नमेंट टेस्ट सेंटर भी घर से सैंपल कलेक्ट कर सकती है।

पॉजिटिव आने के बाद होता है फ्री ट्रीटमेंट

कोरोना पॉजिटिव पेशेंट होने की पुष्टि होने के बाद किसी भी दून में सिर्फ दून हॉस्पिटल में इलाज संभव हो सकता है। अभी तक कोई भी पेड कोविड ट्रीटमेंट की सुविधा देहरादून में नहीं है।

फ्लू ओपीडी में पहुंचने वाले पेशेंट में कोई भी कोरोना के सिम्टम होने पर पेशेंट को हॉ्िस्पटल में भर्ती करने के बाद उसका सैंपल लिया जाता है। रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन किया जाता है। रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो पेशेंट को डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

डॉ। अनुराग अग्रवाल, नोडल अफसर कोरोना दून हॉस्पिटल

किसी भी पेशेंट की ट्रेवल, कॉन्टेक्ट हिस्ट्री के अलावा कोई भी कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तो ही उस व्यक्ति की सैंप¨लग की जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही पेशेंट को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है।

डॉ। विपिन पोखरियाल, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, सीएमओ कार्यालय देहरादून

किसी भी पेशेंट में सिम्प्टम होने पर अगर कोई डॉक्टर कोरोना जांच के लिए लिखते हैं, तो संबंधित व्यक्ति को सैंपल लिया जाता है। होम क्वारंटीन होने पर पेशेंट का सैंपल घर में भी लेने के लिए टीम पहुंचती है। इसके अलावा लैब में लगातार सैंपल लिए जा रहे हैं।

डॉ। आलोक आहूजा, संस्थापक आहूजा पैथोलॉजी