वाराणसी (पीटीआई)। जिला अदालत ने दो और वकीलों को भी ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का सर्व करने के लिए अप्वाइंट किया है। जो कि काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित मस्जिद में सर्वे करने में एडवोकेट कमिश्नर की मदद करेंगे। साथ ही पुलिस को आदेश दिया कि यदि अभ्यास को विफल करने का प्रयास किया जाता है तो प्राथमिकी दर्ज करें। अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा दायर याचिका जिसमें हिंदू देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति देने की बात पर भी सुनवाई कर रही है जिनकी मूर्तियां मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। मस्जिद मैनेजमेंट समिति ने मस्जिद के अंदर फिल्मांकन का विरोध किया था और अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया था। जिसके कारण विरोध के बीच कुछ देर के लिए सर्वे ठप हो गया।

अधिकारी बदलने की याचिका को किया खारिज

हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर के अनुसार अदालत ने सर्वेक्षण के लिए मस्जिद परिसर में दो बंद तहखाने खोलने पर आपत्तियों को भी खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा को बदलने के आवेदन को खारिज कर दिया है। साथ ही विशाल सिंह को स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि मिश्रा और विशाल सिंह मिलकर सर्वे पूरा करेंगे। न्यायाधीश ने कहा कि उनमें से किसी एक की अनुपस्थिति में दूसरा कार्य करेगा।

8 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जा सकता है सर्वे

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वीडियोग्राफी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर की जाएगी। मस्जिद प्रबंधन ने कहा था कि दो तहखानों तक पहुंच को रोकने के लिए ताले लगे हैं। कोर्ट ने साफ किया कि अगर चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो सर्वे कराने के लिए ताले तोड़े जाएं। यादव के अनुसार, अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त को इस अभ्यास की निगरानी करने और सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न होने पर प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि सर्वे ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर में रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जा सकता है। साथ ही कहा कि मंगलवार तक सर्वे रिपोर्ट सौंपनी है।

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