नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय ह्यूमन र्सोर्स डेवलपमेंट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के 'माई बुक माई फ्रेंड' अभियान में शामिल होने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी संडे को अपनी करेंट रीडिंग लिस्ट फैंस के साथ शेयर की। साथ ही उन्होंने 'मानवता के लिए एक छोटा कदम' कहते हुए एक वीडियो साझा किया और लोगों से कोरोनोवायरस संकट के समय में साहसी और दयालू बने रहने की अपील भी की।

पढ़ रहे हैं ये किताबें

सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले बिग बी ने उन दो पुस्तकों के बारे में फैंस को बताया जो वह लॉकडाउन पीरियड के दौरान घर पर रह कर पढ़ रहे हैं।उन्होंने ट्वीट करते हुए फेमस राईटर स्टीफन किंग को कोट किया और कि किंग ने एक बार लिखा था कि किताबें एक स्पेशल पोर्टेबल जादू हैं, और वे लॉकडाउन में इस हैरान करने वाले जादू का मजा ले रहे हैं। उन्होंने हैशटैग MyBookMyFriend के साथ इस कैंपेन के लिए रमेश पोखरियाल को थैंक्स किया और बताया कि वे इन दिनों विलियम डेलरिम्पल का लिखी किताब 'द एनार्की' पढ़ रहे हैं। उन्होंने इस डिजिटल एज में पढ़ने के लिए इस्पायर करने का थॉट लोगों तक पहुंचाने के मंत्री जी के आइडिया को एप्रिशिएट करते हुए दूसरी किताब की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान जो एक और किताब उन्होने पढ़ी वो यॉनिस वारिसोफाकिस की 'टॉकिंग टू माई डॉटर' थी। बच्चन ने लिखा कि किताबों के बिना एक कमरा वैसा ही है जैसे आत्मा के बिना एक शरीर। श्रद्धा कपूर और चंकी पांडे सहित कई अन्य बॉलीवुड हस्तियां भी 'माई बुक माय फ्रेंड' कैंपेन में शामिल हो चुकी हैं।

दया और हिम्मत बनाये रहें

इस बीच संडे को अमिताभ ने एक और वीडियो भी शेयर किया, जिसे उन्होंने 'मानवता के लिए एक छोटा कदम' करार हुए लोगों से कोरोनोवायरस संकट के समय दयालु और सहासी बने रहने की अपील की है। बच्चन ने देश भर में प्यार और करुणा फैलाने की पहल को साझा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था। इस वीडियो में बिग बी ने बताया है कि अलग-अलग समय में सबको कई प्रोफेशनल्स से मदद की जरूरत होती है और संकट के समय में लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि इंसान एक-दूसरे पर निर्भर हैं। एक डॉक्टर मां की कोख से बाहर आने पर सबसे पहले अपने हाथों में थामता, एक नर्स अपने कोमल हाथों से नवजात को नहलाती है, टीचर बच्चे की उंगली थाम कर पहला अक्षर लिखना पढ़ना सिखाते हैं यहां तक की बस या किसी भी वाहन से स्कूल जाते समय बच्चे की सुरक्षा ड्राइवर के हाथों में होती है।

हर समय मिलता है सपोर्ट

अमिताभ ने अपने जीवन को याद करते हुए वीडियो में कहा कि जो खाना वे खाते हैं उसे उनके रसोइए के प्यार भरे हाथों से तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा हमें हमेशा उन हाथों की जरूरत थी, और अभी भी है, उन सुरक्षित हाथों की, और मार्गदर्शन करने वाले लोगों की भी। उन्होंने इस वीडियो को करेंट कोरोनोवायरस संकट से जोड़ते हुए कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब मानवता से दूर होना नहीं है। उन्होंने कहा कि बेशक आज हैंडवाशिंग और सोशल डिस्टेंसिंग हमारी सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी हो गए हैं, लेकिन इसका मतलब मानवता से हाथ धो लेना नहीं है। अमिताभ बच्चन विभिन्न मूवमेंट से जुड़े रहे हैं और लंबे समय से कोरोनावायरस के बारे में अवेयरनेस भी बढ़ा रहे हैं।

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