- रंगदारी मांगने वालों के लिए साफ्ट टॉरगेट हैं डॉक्टर्स

- डॉ। जेपी सिंह मर्डर से कांप उठा था जिला

GORAKHPUR: जिले में भले ही अलग-अलग गैंग, अलग-अलग तरीके से काम कर रहे हों लेकिन डॉक्टर्स सबके साफ्ट टॉरगेट हैं। तकरीबन ढाई दशक से डॉक्टर्स के लिए सिरदर्द बने बदमाशों के एक गैंग को पुलिस नेस्तानाबूद करती है तो दूसरा गैंग पांव पसार लेता है। एक दशक पूर्व तिवारीपुर एरिया के बहुचर्चित डॉक्टर जेपी सिंह हत्याकांड से पूरा जिला कांप उठा था। इसके अलावा रंगदारी के लिए बिहार के गैंग ने शहर के मनोरोग चिकित्सक और एक यूरोलॉजिस्ट का अपहरण भी किया था। किरकिरी से बचने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कई बदमाशों का एनकाउंटर किया लेकिन इसके बावजूद नए गैंग पनपते रहे और डॉक्टर्स से रंगदारी मांगने का सिलसिला कभी बंद नहीं हुआ। हाल के दिनों में चंदन सिंह गैंग ने डॉक्टर्स की नींद उड़ा दी थी। पुलिस ने उसे भले जेल भेज दिया लेकिन दहशत का धुआं अब भी बाकी है।

नहीं लिखते थे मोबाइल नंबर

रंगदारी के लिए बदमाशों ने डॉक्टर्स को साफ्ट टॉरगेट बना लिया है। नकदी न मिलने पर दहशत फैलाने के लिए डॉक्टर्स पर हमले भी कराए जाते हैं। दो दशक पहले जिले में कुख्यात श्रीपत गैंग ने डॉक्टर्स, व्यापारियों और ठेकेदारों को टॉरगेट बनाया। इस गैंग ने गोरखनाथ एरिया के एक फेमस डॉक्टर का अपहरण कर लिया। उनसे 10 लाख रुपए से अधिक की रकम मांगी गई। एक शातिर बदमाश के नजदीकी लोगों की पहल पर डॉक्टर को छोड़ा। इसके अलावा बिहार के एक गैंग ने गोरखपुर के बदमाशों संग मिलकर चौरीचौरा से प्रैक्टिस कर लौट रहे मनोचिकित्सक का खोराबार एरिया के कुसम्ही जंगल के पास से अपहरण कर लिया। अपहरण कर बदमाश एक बाहुबली विधायक की शरण में चले गए। डॉक्टर से एक करोड़ रुपए की डिमांड की गई। इस केस में पुलिस ने डॉक्टर को मुक्त कराया। लेकिन इन्हीं दो दशकों के भीतर कुख्यात अमित मोहन वर्मा, रामायण उपाध्याय गैंग ने दोबारा डॉक्टर्स की मुसीबत बढ़ा दी। वर्ष 2005 में तिवारीपुर एरिया के सूरजकुंड में अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस वारदात के बाद पुलिस ने अमित मोहन वर्मा और उसके साथियों का गोरखपुर से लेकर इलाहाबाद तक पीछा किया। दोनों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। तब बदमाशों की दहशत इतनी बढ़ गई थी कि डॉक्टर्स ने पर्चे पर अपना फोन नंबर लिखना बंद कर दिया था।

10 साल से मुसीबत चंदन सिंह गैंग

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि अमित मोहन और रामायण उपाध्याय के एनकाउंटर के बाद डॉक्टर्स को राहत मिली। लेकिन उनका चैन-सुकून ज्यादा देर तक कायम न रह सका। सिर उठाने वाले छुटभैया बदमाश सक्रिय हो गए। इसके बाद जिले में व्यापारियों, बिजनेसमैन, ठेकेदारों, अधिकारियों से रंगदारी मांगने का सिलसिला शुरू हो गया। कुछ बदमाशों ने बिहार सहित अन्य जिलों के बड़े बदमाशों का नाम लेकर रंगदारी मांगना शुरू कर दिया। दो दर्जन से अधिक बदमाशों को पुलिस ने अरेस्ट करके जेल भेजा। फिर चिलुआताल एरिया के कुशहरा निवासी चंदन सिंह ने सिर उठा लिया। बिजनेसमैन से रंगदारी मांग रहे चंदन सिंह ने शहर के कुछ डॉक्टर्स को फोन किया। दहशत में डॉक्टर्स ने रुपए देकर पिंड छुड़ा लिया। जिन लोगों ने उसकी बात नहीं सुनी, उनके क्लीनिक पर चंदन सिंह ने गोलियां चलवाई।

40 लाख की रंगदारी ने उड़ाई नींद

10 मई 2016 को दो लाख के इनामी बदमाश धर्मेद्र सिंह ने बड़हलगंज के चार डॉक्टर्स से 40 लाख रुपए की रंगदारी मांगी। सीएचसी प्रभारी डॉक्टर शिवमुनि, सर्जन एचएन सिंह, फीजिशियन डॉ। संजय कुमार और डॉ। शमीम आब्दी को बारी-बारी से फोन कर 20-20 लाख रुपए मांगे। 19 मई को खोराबार एरिया के रामनगर कड़जहा में एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने धर्मेद्र सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया। इसके बाद डॉक्टर्स ने राहत की सांस ली।

इनकी रही दहशत

चंदन सिंह गैंग

धर्मेद्र कुमार सिंह

बृजेश यादव

बांके यादव

भानु यादव

अमित मोहन वर्मा

रामायण उपाध्याय

श्रीमुनि तिवारी

श्रीपत ढाढ़ी गैंग

इस वजह से बनाते हैं टॉरगेट

- डॉक्टर्स की मोटी इनकम

- जल्दी डर जाते हैं

- पब्लिक के बीच आसानी से उपलब्ध

- कॉल करने पर रंगदारी मिलने की संभावना

- पुलिस से शिकायत होने का रिस्क कम होता है

लाइसेंसी के लिए डॉक्टर्स परेशान

बदमाशों के रडार पर रहने वाले डॉक्टर्स को असलहों का लाइसेंस आसानी से नहीं मिल पाता। शाहपुर एरिया के असुरन चौक पर अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने वाले डॉक्टर ने धमकी के बाद लाइसेंस का आवेदन किया। काफी दिनों तक वह लाइसेंस के चक्कर में भटकते रहे। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि करीब 12-15 डॉक्टर्स के आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। थानों से लेकर डीएम ऑफिस के बीच फंसी फाइलें धूल फांक रही हैं।

हाल के दिनों के प्रमुख मामले

10 मई 2016: बड़हलगंज के चार डॉक्टर्स से बदमाशों ने 20 लाख की रंगदारी मांगी।

19 अप्रैल 2016: बेतियाहाता मोहल्ले के डॉक्टर से रंगदारी मांगी, चिट्ठी भेजकर रुपए न मिलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी।

13 मार्च 2016: कैंट एरिया की एक महिला डॉक्टर को बदमाश ने रंगदारी के लिए फोन किया।

वर्जन

जेपी सिंह मर्डर के बाद मुझे बदमाशों की धमकी मिली थी। तब मैं कुछ दिन तक पुलिस प्रोटेक्शन में रहा। पिछले 10-15 साल से यह प्रॉब्लम बनी हुई है। यह एक डॉक्टर की नहीं, बल्कि समाज की प्रॉब्लम है। लॉ एंड ऑर्डर को बेहतर बनाकर, बदमाशों पर शिकंजा कसकर समाज के हर वर्ग की सुरक्षा तय की जा सकती है।

- डॉ। बीबी गुप्ता, प्रेसीडेंट, आईएमए, गोरखपुर