डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)बुधवार का पंचांग जानिए जिसमें दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल व गुलिक काल की वास्तविक स्थिति विस्‍तार से ज्ञात होगी।

बुधवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 06:41:40
सूर्यास्तः- सायः 05:42:32

विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
विक्रम संवतः- 2077
शक संवतः- 1942
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शीत ऋतु
मासः- माघ माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- चतुर्दशी तिथि 25:09:49 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि
तिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।
नक्षत्रः- उत्तरा आषाढ़ा 14:12:21तक तदोपरान्त श्रवण
नक्षत्र स्वामीः- उत्तरा आषाढ़ा के स्वामी सूर्य जी हैं तथा श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्र जी हैं।
योगः- सिद्धि 07:00:56 तक तदोपरान्त वरियन
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 11:12:00 से 12:35:00 तक

दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।
राहुकालः- राहुकाल 12:35:00 से 01:58:00 तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”