कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। Dainik Panchang 13 Jan 2021: बुधवार को अमावस्या तिथि 10:30:29 तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि है। अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें। इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

13 जनवरी 2021 दिन- बुधवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 06:52:26

सूर्यास्तः- सायं 05:20:45

विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

अयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- शीत ऋतु

मासः- पौष माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- अमावस्या तिथि 10:30:29 तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि

तिथि स्वामीः- अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं।

नक्षत्रः- उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र 29:28:25 तक तदोपरान्त श्रवण नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव जी हैं तथा श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्र देव जी हैं।

योगः- हर्षण 24:13:57 तक तदोपरान्त वज्र

दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 11:11:00 A.M से 12:29:00P.M तक

राहुकालः- आज का राहुकाल 12:29:00 P.M से 01:48:00 P.M तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

By Astrologer Dr. Trilokinath