डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 21 October 2021: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। गुरूवार 21 अक्टूबर, 2021 को प्रतिपदा तिथि 22:17:41 तक तदोपरान्त द्वितीया तिथि है। प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं तदोपरान्त द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मा देव जी हैं। गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें

गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। प्रतिपदा तिथि को विवाह, यात्रा, प्राण प्रतिष्ठा, गृह प्रदेश आदि मंगल कार्य के लिए यह तिथि अशुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

21 अक्टूबर 2021 दिन - गुरूवार का पंचाग

सूर्योदयः- प्रातः 06:20:00

सूर्यास्तः- सायं 05:41:00

विशेषः-

विक्रम संवतः- 2078

शक संवतः- 1943

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- शरद ऋतु

मासः- कार्तिक माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- प्रतिपदा तिथि 22:17:41 तक तदोपरान्त द्वितीया तिथि

तिथि स्वामीः- प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं तदोपरान्त द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मा देव जी हैं।

नक्षत्रः- अश्विनि 29:07:02 तक तदोपरान्त भरणी नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- अश्विनि तिथि के स्वामी केतु देव हैं तथा भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र जी हैं।

योगः- वज्र 20:59:18 तक तदोपरान्त सिद्धि

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:15:00 से 10:40:00 बजे तक

दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।

राहुकालः- आज का राहुकाल 01:30:00 से 02:55:00 तक

तिथि का महत्वः- प्रतिपदा तिथि को विवाह, यात्रा, प्राण प्रतिष्ठा, गृह प्रदेश आदि मंगल कार्य के लिए यह तिथि अशुभ मानी गयी है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

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