डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 4 April 2021 रविवार को सप्तमी तिथि 08:30:35 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि है। सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है। रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः तांबे के बर्तन मैं लाल बर्तन में लाल चंदन गुड़ और लाल पुष्प डालकर अर्घ्य देना चहिए। रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें। इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

04 अप्रैल 2021

दिन-रविवार का पंचाग सप्तमी एवं अष्टमी तिथि

सूर्योदयः- प्रातः 05:48:00

सूर्यास्तः- सायं 06:08:00

विशेषः- रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः तांबे के बर्तन मैं लाल बर्तन में लाल चंदन गुड़ और लाल पुष्प डालकर अर्घ्य देना चहिए।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- बसंत ऋतु

मासः- चैत्र माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- सप्तमी तिथि 08:30:35 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि

तिथि स्वामीः- सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है।

नक्षत्रः- पूर्वा अषाढ़ा 26:06:16 तक तदोपरान्त उत्तरा अषाढ़ा नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- पूर्वा अषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं तथा उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं।

योगः- परिघा 18:42:01 तक तदोपरान्त शिवा

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 03:32:00 PMबजे से 05:06:00PM बजे तक

दिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।

राहुकालः- राहु काल 05:06:00 PM बजे से 06:40:00PM तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”