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JAMSHEDPUR: सिदगोड़ा स्थित राम कृष्ण मिशन इंग्लिश स्कूल के पास सोमवार को मिलेनियल्स स्पीक कार्यक्रम के तहत 'राजनी-टी' का आयोजन किया गया. इसमें युवाओं ने 'एजूकेशन हो सुदृढ़, महंगाई से मिले निजात, विषय पर युवाओं ने अपने विचार रखे. चर्चा के दौरान मिलेनियल्स ने कहा कि एजूकेशन सिस्टम में सुधार तो हुए हैं, लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है. मिलेनियल्स बोले कि देश में क्वालिटी एजूकेशन में गिरावट आई है, जिससे शिक्षित की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन युवा प्रतियोगिताओं में कुछ खास जौहर नहीं दिखा पा रहे हैं. पैसों के बल पर डिग्री बेची और खरीदी जा रही है. युवाओं ने कहा कि सरकार मंहगाई पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन लेकिन इसमें आंशिक सफलता ही मिली है. मिलेनियल्स हार्दिक मिश्रा ने कहा एजूकेशन सिस्टम में बदलाव होने से ही देश आगे बढे़गा. गवर्नमेंट स्कूलों कॉलेजों की स्थित बदतर है. युवाओं ने कहा कि सरकारी स्कूलों की स्थित किसी से छिपी नहीं हैं. शहर के अधिकतर कॉलेजों के प्रोफेसर ही नहीं हैं. जिससे स्टूडेंट की क्लास ही नहीं हो पाती हैं. देश में अधिक से अधिक छात्र सरकारी कॉलेजों से ही पढ़ाई करते हैं. सरकार को डिग्री कॉलेजों की शिक्षा के साथ ही मैट्रिक और इंटरमीडिएट कॉलेजों की व्यवस्था में सुधार करना चाहिए.

महंगाई कंट्रोल करे सरकार
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए रमेश कुमार ने कहा जीएसटी लगने से खुदरा समान के रेट में वृद्धि हुई है. इससे आम आदमी का जीना कठिन हो गया है. रसोई गैस के दामों के साथ ही दैनिक इस्तेमाल की चीजों में हो रही वृद्धि से आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है. आए दिन पेट्रोल डीजल के मूल्य बढ़ रहे हैं. बाजार अस्थिर हो रहे हैं जिसमें बिचौलिए दैनिक उपयोग की वस्तुओं को डंप करके बाजार में मूल्य बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाजार में मंहगी बिकने वाले खाद्य पदार्थ में सरकार सीधे दखल देकर इनके डंपिंग पर रोक लगाये जिससे दाल, गेहूं, चावल और आलू, प्याज जैसे सब्जियों के दाम स्थित रहे. देश में इनकम श्रोत कम होने और कम मजदूरी के चलते गरीब लोग अपना और परिवार का पेट भी नहीं पाल पा रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिये कि बाजार में दैनिक उपयोग की बिक्री में स्थितरता रहे. इस बार चुनाव के समय लोगों के जेहन में यह मुद्दा रहेगा.

जनसंख्या खा रही विकास
मिलेनियल आशीष ने कहा महंगाई हमारे देश के विकास को खाने का काम कर रही है. देश की जनसंख्या वृद्धि की तुलना में विकास दर और जीडीपी में वृद्धि न होने के कारण विकास होने पर भी लोगों में समा जा रहा हैं. देश की सरकार देश में भरे पड़े प्राकृतिक संसाधनों का सही ढंग से प्रयोग नहीं कर पाई है. इसका एक बड़ा कारण देश में पूंजी का अभाव है. सरकार और कर्मचारियों की उदासीनता के चलते गरीबों को उनका हक, मजलूमो में न्याय नहीं मिल पा रहा है. देश में खाद्य सुरक्षा कानून के अंर्तगत देश के लोगों को एनएफएसए कार्ड के माध्यम से गेहूं, चावल, चीनी और केरोसिन देने का काम किया जा रहा है. सरकार को चाहिये कि पीडीएस योजना का लाभ पाने वाले लोगों से बात कर उनको मिलने वाले अनाज के बारे में जानकारी और फीड बैक लिया जाना चाहिये. देश में पीडीएस योजना के अंर्तगत होने वाले अनाज की कालाबाजारी पर रोक लगनी चाहिये. दुकानदार लोगों को 1.5 किलोग्राम चावल प्रति यूनिट न देकर एक किलोग्राम प्रति यूनिट ही देते हैं. जिससे गरीबों को उनके अधिकारी से वंचित रह जाना पड़ रहा है.

नहीं मिल रही उचित शिक्षा
युवा ललित ने कहा की सरकार स्कूलों पढ़ने वाले बच्चों के सर्वागीण विकास का सपना दिखा रही है, जबकि स्कूलों में शिक्षा के अलावा सब कुछ दिया जा रहा है. मिड-डे मील योजना में हर माह सरकार का करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं. सरकार द्वारा मीनू के हिसाब से खाना तैयार होना है, लेकिन स्कूलों में हर दिन बच्चों को खिचड़ी दी जा रही हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खेल का मैदान, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिये, शहर से जड़े हुए कई प्राथमिक स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हैं. इससे बच्चे घर से ही पानी लेकर स्कूल आते हैं. स्कूल में टायलेट बना दिए हैं, लेकिन इनका उपयोग छात्रों को नहीं करने दिया जाता है. जिले में 50 प्रतिशत छात्रों को ठंड में स्वेटर ही नहीं दिया गया है.

आज का प्रोग्राम

स्थान-ठाकुरबाड़ी रोड, साकची

समय -शाम चार बजे

मेरी बात
हमारे जिले में ऐसे कई सरकारी स्कूल हैं, जहां बच्चों को पीने का साफ पानी भी मुहैया नहीं कराया गया है. खुले में शौच ना करने की बात तो सरकार करती है, पर देश ज्यादातर ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां शौचालय की सुविधा नहीं है. हमारे जिले के भी कई स्कूलों शौचालय की व्यवस्था नहीं है. इस पर सरकार अगर काम करेगी, तो एजुकेशन सिस्टम सुदृढ़ हो जाएगा.

दिनेश कुमार

कड़क मुद्दा
महंगाई बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. पहला कारण है तेजी से बढ़ती जनसंख्या, क्योंकि लोग तो बढ़ते जाते हैं, परन्तु संसाधन सीमित हैं. दूसरा कारण है सरकार की अकुशल नीतियां. इनकी वजह से खाद्यान्न गोदामों में पड़े सड़ते रहते हैं और जनता भूखों मरती रहती है. कालाबाजारी की वजह से जहां एक तरफ लोगों को अनाज पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते हैं, वहीं दूसरी ओर बड़े-बड़े व्यवसायी इस अनाज को अपने गोदाम में जमा करके रखते हैं. अगर सरकार इन सारे चीजों पर लगाम लगा लेती है, तो महंगाई कम हो सकती है.

आशीष मिश्रा

एजुकेशन में सुधार तथा बदलाव आया है, लेकिन पढ़ाई में और निष्पक्षता लानी की जरूरत है. सरकारी कॉलेजों में क्वालिटी एजुकेशन होनी चाहिए. सरकार ने महंगाई कंट्रोल करने की कोशिश तो की है, पर इसमें सफल नही हुई.

अभिषेक

एजुकेशन सिस्टम में बदलाव आएगा, तभी देश आगे बढ़ेगा. सरकारी स्कूलों में जो बदहाली की हालत है, उसे सरकार जल्द ठीक नहीं कर पाई तो, आने वर्षो में देश में काफी समस्या होगी. इसलिए सरकार को एजुकेशन सिस्टम को सुदृढ़ करना चाहिए.

हार्दिक मिश्रा

देश तभी तरक्की करेगा जब एजुकेशन सिस्टम मजबूत होगा. अभी हमारे देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही है और इन स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है. स्कूल में टीचर गायब होते है, जो टीचर पढ़ाते वो भी पढ़ाने के नाम पर खानापूर्ति करते हैं. इसमें सरकार को काम करना चाहिए.

मिहिर

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में महंगाई काफी बढ़ चुकी है. जिससे गरीब लोगों को परेशानी हो रही है. आए दिन पेट्रोल-डीजल के मूल्य बढ़ते जा रहे है. महंगाई समस्या का रूप ले चुकी है. अगर सरकार महंगाई को कंट्रोल नहीं कर पाई तो उसे इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.

रमेश

सरकार को महंगाई से निजात दिलाना चाहिए. सरकार को उन लोगो के बारे में सोचना चाहिए जो अपना दैनिक मजदूरी कर घर चलाते हैं, जसकी दैनिक मजदूरी दो सौ रुपए से भी कम होती है तथा वे अपना घर चलाते है. कैसे चलाते होंगे वह अपना परिवार. महंगाई के कारण बेचारे गरीब आदमी को तो अपनी मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं कर पाते हैं.

ललित

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सवरंगीण विकास की सिर्फ बातें ही होती हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो पा रहा है. सिर्फ सरकार द्वारा मीडसेमील जैसी योजनाएं लागू करने से से ही बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे. बच्चों को स्कूल में शिक्षक की उपस्थिति भी मिलनी चाहिए. जो सरकारी स्कूलों में नहीं होती है.

रजत

महंगाई कंट्रोल के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए. ऐसे ही महंगाई बढ़ती रही तो आम जनता का क्या होगा? जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही उस हिसाब से लोगों की आमदनी नहीं बढ़ रही है. इसके कारण आम जनता भूखों मरने की कगार पर है. आम जनता को महंगाई से निजात दिलाना चाहिए.

गुरप्रीत सिंह संधू

इस लोकसभा चुनाव में एजुकेशन और महंगाई दोनों प्रमुख मुद्दे रहेंगे. सरकार ने एजुकेशन सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया है, लेकिन प्राइमरी शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों की व्यवस्था जस की तस है, इसपर सरकार को और कार्य करने की जरूरत है.

आशीष