रांची(ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं। जैसे-जैसे चुनाव सामने आ रहा है। वोटर्स की अपेक्षाएं और आकांक्षाएं भी बढ़ती जा रही हैं। विशेषकर यूथ आने वाली सरकार से काफी उम्मीदे पाले हुए हैं। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से चल रहे महाअभियान राजनी-टी एक प्लेटफार्म दे रहा है। जहां युवा अपने दिल की बात साझा कर रहे हैं। सिटी के अलग-अलग इलाकों में लगातार राजनी-टी का आयोजन हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में युवा शामिल होकर बेबाकी से अपनी बात रख रहे हैं। मंगलवार को यह आयोजन सिटी के मोरहाबादी स्थित नीलांबर-पितांबर पार्क में किया गया है, जहां विभिन्न कॉलेजों में स्टडी कर रहे युवक-युवतियां शामिल हुए और अपनी बातें खुलकर रखीं।
क्या कहते हैं युवा
राम मंदिर राजनीतिक पार्टियों के लिए एक मुद्दा हो सकता है। लेकिन युवा के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है। युवाओं के लिए जरूरी है, शिक्षा और रोजगार। क्वालिटी एजुकेशन दी जाए और प्रत्येक युवा को रोजगार से जोड़ा जाए। युवा को शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा तो न सिर्फ उनका, बल्कि राज्य का भी विकास होगा। देश भी डेवलपमेंट की दिशा में अग्रसर हो सकेगा।
- राजीव पांडेय

सरकार ने एजुकेशन के स्तर में काफी सुधार किया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव है। इसे समय समय पर अपडेट करने की भी जरूरत है। शिक्षा नीति को और बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा का स्तर काफी खराब है। यहां स्टडी की मॉनिटरिंग भी नहीं होती। बच्चों का रिजल्ट कैसा हो रहा है। इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसमें सुधार होना चाहिए।
-सुनैना कुमारी

महिलाओं के लिए कानून तो कठोर है, लेकिन उसका अनुपालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। इस कारण पीडि़त महिलाओं को न्याय मिलने में समय लग जाता है। इससे अपराधियों के मन में कानून का कोई खौफ नहीं रहता है, सजा तुरंत मिले ऐसा प्रावधान होना चाहिए। महिलाओं का पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है। इससे वे अपने हक और अधिकार के बारे में जान पाएंगी।
-रोहित कुमार

बेरोजगारी कोई छोटा-मोटा नहीं, बल्कि बहुत बड़ा मुद्दा है। पढ़े-लिखे युवा दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। कम पढ़े-लिखे लोग पैसे की बदौलत नौकरी पा लेते हैं, लेकिन मीडिल क्लास और गरीब बच्चे हायर एजुकेशन के बाद भी बेरोजगार बैठे रह जाते हैं। इसके पीछे करप्शन भी बड़ी वजह है। बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार को चाहिए कि खाली पड़े सभी सीटों पर वैकेंसी निकाल कर बहाली की जाए।
-गुलशन मंडल

वोट देते समय कैंडिडेट्स और उसकी पार्टी के मेनिफेस्टो को देखूंगा। इसके बाद ही सही निर्णय लेकर अपने वोट का इस्तेमाल करूंगा। साथ ही उसके पिछले रिकार्ड की भी जांच करूंगा। पिछली बार किए गए वादे में कौन से वादे पूरे हुए और फिर से किस मुद्दे को दोहराया गया। आज राजनीति जात-पात और धर्म पर सिमटकर रह गई है। जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार प्रमुख मुद्दा होने चाहिए।
-क्षितिज मिश्रा

दुनिया ऑनलाइन हो चुकी है। हर काम मोबाइल फोन से ही हो जाता है। इसलिए अब वोटिंग भी ऑनलाइन होनी चाहिए। इससे लोग जहां होंगे वहीं से अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। दिव्यांग जन भी बगैर किसी परेशानी के वोट कर सकेंगे। साथ ही वोटिंग सबके लिए अनिवार्य कर देना चाहिए। 18 साल या इससे अधिक प्रत्येक नागरिक को वोट देना अनिवार्य होना चाहिए।
-श्रवण कुमार

सिर्फ सिटी ही नहीं, बल्कि स्टेट और पूरे देश में एजुकेशन के क्षेत्र में सुधार की दरकार है। सिर्फ काम चलाऊ नहीं, बल्कि युवाओं को स्किल्ड एजुकेशन देना चाहिए। अपने क्षेत्र में फैसिलिटी नहीं होने के कारण ही युवा बाहर पढऩे के लिए जाते हैं। यदि सुविधा दी जाएगी तो अपने क्षेत्र में रहकर यूथ स्टडी करेंगे। यूथ को क्वालिटी एजुकेशन देना सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है। सभी पार्टियों को अपनी मेनिफेस्टो में इसे प्रमुख स्थान देना चाहिए।
-अंकित शर्मा

फस्र्ट वोटर
मैं पहली बार वोट दूंगी। काफी एक्साइटेड हूं। चुनाव में बेहतर व्यक्ति चुनकर आए, यही उम्मीद है। एक अच्छा लीडर ही अपने क्षेत्र का विकास और वहां की जनता की समस्याओं का समाधान कर सकता है।
प्रतिमा कुमारी

मेरा मुद्दा
- क्वालिटी एजुकेशन मिले।
- बेरोजगारी जड़ से खत्म हो।
- क्षेत्र का विकास हो।
- नए-नए अवसर मिले।
- टेक्नोलॉजी में हम आगे बढ़ें।
- हर व्यक्ति आत्मनिर्भर हो सके।