दफनाने तक लोगों की रही भीड़

जानकारी के मुताबिक एक अंग्रेजी अखबार ने अपने मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर याकूब के जनाजे को लेकर एक बड़ा रहस्य खोला है। 30 जुलाई को दी गई याकूब मेमन को फांसी के बाद उसके जनाजे में करीब 15 से 20 लोगों की भीड़ सउ़कों पर उमड़ पड़ी। हजारों की संख्या में मौजूद लोग याकूब को जानते तक नही थे। सड़ाकों से लेकर उसे मरीन लाइंस स्थित कब्रगाह में दफनाने तक लोगों का तांता लगा रहा। जिस रास्ते से याकूब का जनाजा निकला उस इलाके के कई किलोमीटर तक लंबा जाम था। एक आतंकी के जनाजे में मुंबई में इतनी भीड़ देखकर हर कोई शॉक्ड था। ऐसे में अब जनाजे की भीड़ की सच्चाई सामने आई है।

याकूब हो सकता बच जाए

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक याकूब के मामले में सुनवाई से लेकर फांसी का फैसला आने तक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और शकील पूरी तरह चुप थे। उन्हें आखिरी तक उम्मीद थी कि याकूब हो सकता बच जाए,ऐसे में अगर वह कुछ बोलेंगे तो याकूब का मामला बिगड़ सकता है। जिससे वे बिल्कुल शांत रहे, लेकिन जैसे ही याकूब को फांसी दी गई वे बौखला उठे। इतना ही नहीं उन्होंने भारत को धमकी भी दे डाली। इसके साथ ही उन्होंने याकूब के जनाजे में लोगों की भीड़ जुटाकर एकता का सदेंश देने की कोशिश की। जिससे कहा जा रहा है खुद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने मुंबई में फोन कराकर उसके जनाजे भीड़ जुटवाई। ऐसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का फोन मिलते ही सभी अपने काम छोड़कर याकूब के जनाजे में चल दिए।

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