वक्त के साथ देश में एमबीए का क्रेज कम होता जा रहा है. इस बार कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट (कैट) में अप्लीकेंट्स की संख्या देखकर तो यही कहा जा सकता है. साल दर साल एमबीए एस्पिरेंट्स की संख्या में आती गिरावट को देखकर ऐसा लगता है कि अब स्टूडेंट्स दूसरे ऑप्शंस के बारे में सोचने लगे हैं.

लगातार कम होते एस्पिरेंट्स

एमबीए एस्पिरेंट्स की संख्या 2008 में सबसे ज्यादा थी, जब कुल 2.7 लाख स्टूडेंट्स ने कैट के लिए रजिस्टर करवाया था. हालांकि अगले ही साल यानी 2009 में इस संख्या में गिरावट देखी गई जब कैट के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या गिरकर 2.41 लाख पर आ गई. आंकड़ों में यह गिरावट 2010 में भी जारी रही जब सिर्फ 2.04 लाख स्टूडेंट्स ने टेस्ट के लिए रजिस्टर कराया. इस साल के आंकड़े भी बहुत खास नहीं हैं और सिर्फ 2.05 लाख कैंडिडेट्स ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है.

एमबीए में घटती च्वॉइस

ईयर     कैट कैंडिडेट्स

2008- 2.7 लाख

2009- 2.41 लाख

2010- 2.04 लाख

2011- 2.05 लाख

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