नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने स्पष्ट कर दिया कि वह बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी। आईएएनएस से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता ने किसी के साथ भी गठजोड़ की सभी बातों को खारिज कर दिया। आप का कहना है कि उसे पूरा भरोसा है कि वह अपने दम पर सत्ता में आएगी। आप नेता ने कहा कि हम विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने जा रहे हैं। हम अपने दम पर चुनाव जीत रहे हैं और किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ जाने की सभी अटकलें गलत हैं। 2012 में आप का गठन हुआ और अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। केजरीवाल के नेतृत्व में आप ने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस के 15 साल के शासन को उखाड़ फेंका था।

आप ने किया था शानदार प्रदर्शन

इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 24.55 फीसदी वोट हासिल किया था, भाजपा ने 33.07 फीसदी वोट हासिल किया था और आप ने 29.49 फीसदी वोट हासिल किए थे। भाजपा इस चुनाव में लार्जेस्ट पार्टी के रूप में उभरी थी। 70 विधानसभा सीटों में भाजपा को 31 सीटें मिली थीं। इससे भाजपा बहुमत से महज 5 सीटें दूर थी। वहीं आप और कांग्रेस ने 28 और 8 सीटों के साथ सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया लेकिन इस गठबंधन से सरकार केवल 49 दिनों तक ही चली थी। इसके बाद आप ने 2015 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उसे 70 में से 67 सीटें मिलीं, जिसमें उसका वोट शेयर 54.34 फीसदी था। वहीं बीजेपी का वोट शेयर 32.19 फीसदी और कांग्रेस 9.65 फीसदी तक सिकुड़ गई थी।

चुनावी गठबंधन को लेकर कयास

भाजपा इस चुनाव में तीन सीटें हासिल करने में सफल रही और विपक्ष बन गई थी। जबकि कांग्रेस बिना सीटों के रह गई थी। इसके बाद दिल्ली में 2019 के लोकसभा चुनाव हुए। आम चुनावों से पहले आप कहती रही है कि उसका कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।हालांकि दोनों के बीच संभावित चुनावी गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। आम चुनावों के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी पार्टी राष्ट्र को बचाने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती थी लेकिन कांग्रेस ने गठबंधन के लिए मना कर दिया था। दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होंगे और नतीजे 11 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे।