नई दिल्ली (एएनआई)। Twins Sisters : उत्तर प्रदेश के बरेली के एक जुड़े हुए जुड़वां बच्चों की जोड़ी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक नयी जिदंगी मिली है। एम्स टीम के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बरेली की जुड़वां बहनें- रिद्धि और सिद्धि बेहद क्यूट हैं। हालांकि इनकी प्राॅब्लम यह थी कि ये दोनों एक-दूसरे के सामने सीने और पेट के ऊपरी हिस्से से जुड़ी हुई थीं। इसमें इनके लिवर, हृदय को ढकने वाली परतें, पसली, डायाफ्राम और पेट की दीवार आपस में जुड़ी थीं। डाॅक्टराें ने कहा कि लिवर और हृदय को अलग करना काफी चैलेंजिंग था। हालांकि सर्जनों की कई टीमों ने बारी-बारी से सर्जरी को कुशलता से पूरा किया। एम्स में 9 घंटे की सर्जरी के बाद अब दोनों बच्चे अस्पताल से छुट्टी के लिए तैयार हैं। बच्चों के पैरेंट्स काफी खुश हैं।

तीन जोड़ों को सफलतापूर्वक अलग किया

बतादें कि पिछले तीन सालों में प्रोफेसर मीनू बाजपेयी के नेतृत्व में एम्स दिल्ली के बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग द्वारा यह तीसरी ऐसी क्रिटिकल सर्जरी थी। टीम ने पिछले तीन सालों में संयुक्त जुड़वां बच्चों के तीन जोड़ों को सफलतापूर्वक अलग किया है। जुड़वां बच्चों की पहली और दूसरी जोड़ी कूल्हे से जुड़ी हुई थी और एक सामान्य रीढ़ की हड्डी और निचले शरीर और पैरों की प्रमुख वाहिकाएं आपस में अटैच थीं। संयुक्त जुड़वां बच्चे वे बच्चे होते हैं जो जन्म से ही एक-दूसरे से शारीरिक रूप से जुड़े होते हैं। संयुक्त जुड़वा बच्चों को अलग करना एक जटिल सर्जरी मानी जाती है जिसके लिए रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक सर्जन, नर्सिंग आदि सहित विभिन्न विभागों एक साथ मिलकर काम करना होता है।

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