घरेलू नुस्खों को लेकर सजग हुए लोग
घरेलू उपचार को लेकर पहले भी लोग काफी सजग रहते थे। आज ऐसे ही कुछ घरेलू उपचारों से लोग ऐसी लाइलाज बीमारी का इलाज ढूंढने निकल पड़े हैं। इस क्रम में डेंगू से लड़ने के लिए लोगों के बीच पपीते की पत्तियों और बकरी के दूध का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस वजह से इन दोनों चीजों की मांग भी शहर में काफी बढ़ गई है और मांग बढ़ने के साथ इसकी कीमतें भी आसमान पर पहुंच गई हैं।  

ऐसी आसमान पर पहुंची कीमत
इनकी कीमतों के बारे में चर्चा करें तो बकरी का दूध इस समय 2000 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। वहीं पपीते की पत्ितयां भी बड़े काम आ रही हैं। इनकी पत्ितयों से बनी टैबलेट का एक जार 1000 रुपये में बिक रहा है। वैसे आम दिनों की बात करें तो बकरी का दूध सामान्य तौर पर 35 से 40 रुपये प्रति लीटर बिकता है। इसके अलावा पपीते की पत्ितयों से फायदा होने के कारण कई कैमिस्ट इसके अर्क को घर में ही तैयार करने के बाद इससे टैबलेट्स बनाकर रख लेते हैं।

ऐसा है लोगों का दावा
इस बारे में ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि बकरी का दूध और पपीते की पत्ितयां प्लेटलेट्स को बढ़ाने में जल्द ही सक्षम होती हैं। बता दें कि डेंगू के मरीज में सबसे बड़ी चिंता की बात उसके शरीर में प्लेटलेट्स का कम होना होता है। इन दोनों नुस्खों से इसमें सुधार किया जा सकता है।

क्या कहती हैं आयुर्वेदाचार्या
इसको लेकर गुड़गांव की आयुर्वेदाचार्या सुशीला दहिया कहती हैं कि बकरी का दूध बेदह सुपाच्य होता है। इतना ही नहीं आयुर्वेद में तो ये भी बताया गया है कि बकरी का दूध डेंगू को हराने में काफी कारगर साबित होता है। वहीं एक और दिलचस्प बात ये है कि अभी तक फिलहाल डॉक्टरों या वैज्ञानकों ने इस दावे की पुष्टी नहीं की है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टर्स ने अपने एक लेख में ये बताया है कि पपीते की पत्ितयों में पपाइन, सिस्टैटिन और लोकोफैरल जैसे सक्रीय तत्व मौजूद हैं, जो डेंगू से लड़ने में कारगर साबित हो सकते हैं। वहीं कुछ डॉक्टर इसे कुछ और ही बता रहे हैं।

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