कटरा (पीटीआई)। जम्मू से माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए रविवार को 12 सदस्यों का एक ग्रुप कटरा पहुंचा। माता वैष्णो देवी का दरबार जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित है। दर्शन करने वाले ग्रुप में शामिल 48 साल के कुशविंदर सिंह ने कहा, 'मैं यहां माता के दर्शन के लिए महीने में कम से कम एक बार जरूर आता हूं। माता का दरबार दोबारा खुला है और सबसे पहले दर्शन करने वालों में शामिल होकर मैं अपने आप को धन्य समझ रहा हूं।'

भक्तों के लिए सुबह 6 बजे खुले माता के दरबार

वैष्णो देवी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कटरा में बने बेस कैंप में कुशविंदर सुबह करीब 4 बजे पहुंचे थे। मंदिर के गर्भ गृह में पहुंच कर पूजन-अर्चन करने वालों में वे पहले जत्थे में वे शामिल थे। यह पवित्र गुफा भक्तों के लिए यात्रा का अंतिम पड़ाव होता है। श्री माता वैष्णो देवी श्राईन बोर्ड (एमएमवीडीसबी) के सीईओ रमेश कुमार ने बताया कि माता का दरबार भक्तों के लिए सुबह करीब 6 बजे खोला गया था। वे महामारी के दौरान दोबारा खोले गए मंदिर परिसर में किए गए स्वास्थ्य सुरक्षा प्रबंधों का अंतिम जायजा ले रहे थेे।

18 मार्च से बंद कर दिए गए थे मंदिर के कपाट

कुमार ने कहा कि वैष्णो देवी में 18 मार्च से तीर्थयात्रियों पर रोक लगा दी गई थी। प्रशासन ने यह कदम कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर उठाए थे। अब जब प्रशासन ने धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया तो यहां मंदिर परिसर में बीमारी और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। पहले सप्ताह प्रत्येक दिन सिर्फ 2,000 श्रद्धालू माता के दर्शन कर सकेंगे। इनमें से 1,900 जम्मू और कश्मीर से होंगे जबकि बाकी 100 बाहर के भक्त शामिल होंगे।

सरकार ने भक्तों के लिए बनाया एसओपी

तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने विस्तार से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाए हैं। श्रद्धालुओं को अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए इन गाइडलाइंस के पालन के लिए कहा गया है। ऑटोमैटिक थर्मल स्क्रीनिंग प्वाइंट और हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था देखते हुए कुमार ने कहा हर इंट्री प्वाइंट पर ऐसी व्यवस्था की गई है। प्रवेश के समय भक्तों को सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना होगा। इसके लिए प्रवेश द्वार पर कुछ-कुछ दूरी पर गोल घेरे बनाए गए हैं। ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं को ही यहां आने की अनुमति होगी।

श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए रूट निर्धारण

माता के दरबार तक पहुचने के लिए श्रद्धालुओं को हमेशा की तरह कटरा से भवन तक बनगंगा, अधकुंवारी और सांचीछत होकर जाना होगा। वापसी यात्रा उन्हें हिमकोटि रूट होते हुए ताराकोटे मार्ग से करनी होगी। जो दर्शनार्थी रेड जोन या जम्मू और कश्मीर के बाहर से आएंगे तो उन्हें कोविड-19 की जांच करानी होगी। नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें माता के दर्शन की अनुमति मिलेगी। 10 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बीमार व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्तियों को तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं है।

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