सिलेंडर 46:50 रुपये महंगा

साल में डीजल को छह रुपये महंगा करने का रास्ता साफ करने के फैसले का विरोध कम करने के लिए ही सरकार ने सस्ते रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या भी सालाना छह से बढ़ाकर नौ की है. मगर गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम 46.50 रुपये बढ़ा दिए गए हैं. दिल्ली में यह 942 रुपये का हो गया है. डीजल के दाम और सस्ते गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के फैसले गुरुवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) की बैठक में लिए गए.

आर्थिक सुधार की दिशा में उठाया कदम

बैठक के बाद पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया, 'तेल कंपनियां अब डीजल की कीमत बढ़ा सकेंगी. कब बढ़ाना है, कितना बढ़ाना है इसका फैसला वे स्वयं करेंगी.' देर रात तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाने की घोषणा भी कर दी. इसे हाल के दिनों सरकार की तरफ से आर्थिक सुधार की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की कड़ी के रूप में देखा जा रहा है.

साल में मिलेंगे 9 सिलेंडर

अगले वित्त वर्ष यानी अप्रैल के बाद से हर परिवार को साल में नौ सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलेंगे. चालू वित्त वर्ष के बाकी बचे महीनों में कनेक्शनधारक दो और सस्ते गैस सिलेंडर ले सकेंगे. इस तरह से हर एलपीजी ग्राहक को चालू वित्त वर्ष के दौरान आठ सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति होगी. तेल कंपनियों ने पेट्रोल को 25 पैसे प्रति लीटर सस्ता करने का भी फैसला किया है.

साल में छह रुपये महंगा हो जाएगा डीजल

सरकारी सूत्रों ने देर रात बताया कि तेल कंपनियां को हर महीने डीजल की खुदरा कीमत में 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि करने की इजाजत दी गई है. इस तरह से साल में डीजल छह रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो जाएगा. इससे डीजल बिक्री पर तेल कंपनियों को को होने वाले घाटे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा. अगले वित्त वर्ष से डीजल पर सब्सिडी का बोझ सालाना 15 हजार करोड़ रुपये घटेगा. चालू वित्त वर्ष में इससे 3400 करोड़ रुपये की कमी आएगी. वैसे सस्ते सिलेंडरों की संख्या बढऩे से सब्सिडी बोझ में सालाना 10 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी. चालू वित्त वर्ष में यह वृद्धि 5,200 करोड़ रुपये की होगी.

थोक कंज्यूमर को डीजल बाजार भाव पर

रेलवे, मॉल, मोबाइल टावर सहित तमाम थोक ग्राहकों को अब डीजल के लिए 9.25 पैसे प्रति लीटर ज्यादा चुकाने होंगे. बिक्री कर और वैट सहित दिल्ली में इसकी कीमत 56.88 रुपये हो गई है. उन्हें अब बाजार कीमत पर डीजल खरीदना होगा. इसलिए आने वाले दिनों में न सिर्फ रेल व ट्रक-बस के किराये-भाड़े बढ़ेंगे, बल्कि रोजमर्रा की वस्तुएं भी महंगी हो जाएंगी. थोक ग्राहकों को बाजार मूल्य पर डीजल देने के फैसले से सरकार के साथ तेल कंपनियों को भी राहत मिलेगी. देश में कुल डीजल की 22 फीसद खपत रेलवे, सेना, मोबाइल टावर, मॉल और अन्य थोक ग्राहक करते हैं. डीजल का लागत मूल्य इस समय 57 रुपये है. इस तरह से रेलवे सहित तमाम थोक ग्राहकों के लिए डीजल अब प्रति लीटर 10 रुपये से ज्यादा महंगा हो गया है.

रेल किराया पहले ही बढ़ा दिया

इससे आने वाले दिनों में रेल किराया व माल भाड़ा फिर बढ़ाना पड़ सकता है. हाल ही में रेल मंत्री ने यात्री किराये में वृद्धि का एलान किया था. यह 21 जनवरी से लागू होने वाला है. डीजल के दाम में एक रुपये की बढ़ोतरी से रेलवे पर सालाना 240 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है. नई कीमत के आधार पर रेलवे का बोझ सालाना करीब 2,500 करोड़ रुपये बढ़ेगा, जिसे उठाना उसके लिए मुश्किल होगा.

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