पिछले साल यश चोपड़ा जी दिलीप साहब के जन्मदिन पर आए थे। उन्होंने दिलीप जी के साथ मिलकर उनके जन्मदिन का केक काटा था। वो इस साल हमारे बीच नहीं है।

साथ ही राजेश खन्ना भी हमें छोड़कर जा चुके हैं। इसलिए इस साल हम जन्मदिन बेहद सादे तरीके से मना रहे हैं। कोई शोर-शराबा नहीं। बस कुछ करीबी दोस्तों को खाने पर बुलाया है। यश जी के साथ हमारे बेहद ग़हरे ताल्लुकात रहे हैं। उनके जाने का हमें बेहद ग़म है।

अमिताभ बच्चन से नज़दीकीAmit Dilip and Saira

हमें पूरी फिल्म इंडस्ट्री से प्यार मिलता है। बच्चन परिवार से तो हमारे बड़े ख़ास रिश्ते हैं। इस साल जब मैं और दिलीप साहब अमित जी के जन्मदिन पर गए तो अभिषेक, ऐश्वर्या बाहर तक दौड़े चले आए और दिलीप साहब का हाथ पकड़कर अंदर ले गए।

अमिताभ जी ख़ुद इतने उम्दा कलाकार हैं। लेकिन वो हर जगह बस दिलीप साहब की ही बातें करते रहते हैं। हम उनके शुक्रगुज़ार हैं कि वो दिलीप साहब के प्रति अपनी दीवानगी को हमेशा व्यक्त करते रहते हैं। जया जी से भी हमें बेहद प्यार मिलता है।

खान तिकड़ी की मोहब्बत

दिलीप साहब आमिर, शाहरुख और सलमान तीनों को बहुत पसंद करते हैं। सलमान की दबंग उन्हें बड़ी पसंद आई। शाहरुख़ की शोखी और ज़िंदादिली के वो कायल हैं।

आमिर ख़ान बेहद सोच समझकर फिल्मों का चुनाव करते हैं। इस मायने में वो साहब को ख़ुद अपने जैसे लगते हैं, क्योंकि दिलीप जी ख़ुद भी Aamir Salman and Dilip Saabबहुत ठोक बजाकर फिल्में करते थे। आमिर ख़ान की थ्री इडियट्स उन्हें बहुत पसंद है।

ये तीनों लड़के भी साहब से बेइंतहा लगाव रखते हैं। जब भी साहब से किसी पार्टी में मुलाक़ात होती है, तो सारे मेहमानों को छोड़कर ये लोग उनके पास चले आते हैं। उनसे बड़े प्यार से बातें करते हैं। उनका हाथ पकड़कर कार तक छोड़ने आते हैं। हमारी ख़ुद की कोई औलाद नहीं है। लेकिन मौजूदा दौर के ये बच्चे हमें ख़ुद अपने बच्चों जैसे लगते हैं।

राज कपूर से दोस्ती, देव की मदद

वैसे तो साहब की देव आनंद और राज कपूर दोनों से दोस्ती थी। लेकिन राज साहब के साथ उनके बड़े नज़दीकी रिश्ते थे। दोनों ही पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक ही मोहल्ले, एक ही सड़क के रहने वाले हैं। बिलकुल भाइयों जैसा रिश्ता था उनका।

देव साहब थोड़ा अलग किस्म के शख़्स थे, लेकिन उनके साथ भी साहब ने बड़ी दोस्ती निभाई। एक बार देव अपनी फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' की शूटिंग के सिलसिले में मुमताज के साथ काठमांडू जा रहे थे। तब किसी पार्टी ने मुसीबत खड़ी कर दी और ऐलान किया कि वो इस फिल्म की शूटिंग नहीं होने देंगे। वो लोग देव को रोकने एयरपोर्ट तक पहुंच गए। तब दिलीप जी एयरपोर्ट तक गए और देव की हिफाज़त में वहां खड़े रहे।

हम दोनों ने फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों को इकट्ठा किया और देव के लिए एयरपोर्ट में जाकर डट गए। तब जाकर सही सलामत देव काठमांडू रवाना हो सके।

इसी तरह से जब संजय दत्त 90 के दशक में कानूनी अड़चनों में फंस गए थे। तब सुनील दत्त साहब को दिलीप जी ने बड़ा सहारा दिया। वो दत्त साहब के साथ रात-रात भर जागते रहते और इस मसले का हल निकालने की कोशिश करते।

ऑमलेट बनाने और सितार बजाने के शौक़ीन

बहुत कम लोगों को मालूम है कि दिलीप जी बेहतरीन ऑमलेट बनाते हैं। वो तरह-तरह के ऑमलेट बनाकर मुझे खिलाते रहते हैं। वो बेहतरीन सितार बजाते हैं और बहुत अच्छा गाते हैं। वो बैडमिंटन चैंपियन रह चुके हैं। उन्हें सैर पर जाना बड़ा अच्छा लगता है और आज भी हफ्ते में चार-पांच दिन हम सैर पर जाते हैं।

साहब बड़े सरल किस्म के शख़्स हैं। हम टीवी पर पुरानी फिल्में देखना पसंद करते हैं। उन्हें शोर-शराबा और पार्टी वगैरह ज़्यादा पसंद नहीं है। वो कई बार सुकून के लिए शहर से दूर किसी डाक बंगले में जाकर छुट्टियां बिताना पसंद करते थे।

साहब की 'मिलियन डॉलर स्माइल'

साहब को पूरी दुनिया में जो बेतरह प्यार मिला है, हर किसी का उनसे लगाव है। वो उससे बहुत ख़ुश होते हैं। लेकिन अपनी ख़ुशी बहुत ज़्यादा व्यक्त नहीं करते। बस उनकी एक मुस्कुराहट ही काफी है। उनकी उस मिलियन डॉलर स्माइल पर मैं न्यौछावर हो जाती हूं।

ऊपर वाले का रहम है कि उसने हमें इतना प्यार इतनी इज़्ज़त बख़्शी। हमारी यही कामना है कि साहब स्वस्थ बने रहें और अपनी मौजूदगी से हम सबमें ऊर्जा भरते रहें।

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