तालाबों को बचाना है-3

--करम नदी से निकलकर डिस्टलरी होते हुए स्वर्णरेखा तक था पानी का बहाव

--15 साल पहले तक सालोंभर पानी भरा रहता था डिस्टिलरी में

--70 हजार स्क्वॉयर फीट था इसका पुराना स्वरूप

--05 हजार स्क्वॉयर फीट में पार्क बनाने का हो रहा काम

रांची : तालाबों को बचाना है अभियान के तहत आज हम बात करेंगे डिस्टिलरी तालाब में पानी कहां से आता था और कैसा था इसका स्वरूप? डिस्टिलरी तालाब आज से लगभग 15 साल पहले तक पूरे रंग में था और सालोंभर पानी रहता था। दो-तीन साल पहले तक यहां बरसात में भरपूर जबकि अन्य दिनों में कम पानी रहता था। इस तालाब का पानी का स्रोत करम नदी थी। जो अब करमटोली तालाब के नाम से जानी जाती है। करमटोली चौक स्थित करम नदी में पानी का स्रोत था और वहां से पानी सड़क पार करते हुए लोअर बर्दवान कंपाउंड के रास्ते डिस्टिलरी तालाब में आता था। यहां के बाद पानी खोरहाटोली के रास्ते स्वर्णरेखा नदीं में जाकर मिल जाता था।

खुदवाए गए थे दो कुएं

यहां पर पानी की कमी न हो इसके लिए दो कुंए भी खुदवाए गए थे। यह तालाब जब अपने स्वरूप में था तब यह लगभग 70 हजार स्क्वॉयर फीट का था, लेकिन आज इसकी जगह मात्र 5 हजार स्क्वॉयर फीट में पार्क बनाया जा रहा है और वही भी ब्यूटीफिकेशन के नाम पर।

आज नगर निगम और प्रशासन की अनदेखी से डिस्टिलरी तालाब बदहाल हो चुका है।

पिछले साल भी उठी थी आवाज

पिछले साल सिटीजंस फाउंडेशन फोरम सहित विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों ने डिप्टी मेयर से मांग कि थी कि डिस्टलरी तालाब को उसे पुराने स्वरूप में ही स्थापित करें, जिससे यह तालाब अपने उन दिनों जैस हो जाए जब यहां पर लबालब पानी भरा रहता था और आसपास का ग्राउंड वाटर लेवल भी ठीक रहता था।

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क्या करना था?

रांची नगर निगम को चाहिए था कि इस इस तालाब के जो नेचुरल पानी का बहाव है करमटोली से स्वर्णरेखा तक, उसको ठीक कराए। इसके किनारे जो एन्क्रोचमेंट है उसे दूर करे। यहां की सफाई कराकर इसको गहरा किया जाता। जिससे बरसात का पानी यहां पर इकट्ठा होता और पूरे साल लोग इस पानी का उपयोग करते, लेकिन इसपर ध्यान ही नहीं दिया गया।

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