RANCHI :गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य है। लेकिन क्या ये लाइसेंस बनवाने के लिए ऑफिस में दलालों का होना भी उसी तरह अनिवार्य है? राजधानी के डीटीओ ऑफिस का यही काला सच है। यहां सुबह ऑफिस खुलते ही लाइसेंस बनवाने के नाम पर अवैध कमाई के लिए दलालों का मजमा लग जाता है। इस दौरान जैसे ही कोई नया मुल्ला दिखता है दलाल उसे फंसाने लिए अपना जाल बिछाना शुरू कर देते हैं। ऐसा भी नहीं है कि डीटीओ ऑफिसर व अन्य पदाधिकारी इससे अंजान हैं, चूंकि इस अवैध काम के एवज में एक फिक्स राशि इनकी जेब में भी पहुंचती है। इसलिए इनकी जुबान बंद ही रहती है। आईनेक्स्ट की स्टिंग में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

ग्राहक समझ रिपोर्टर को घेरा

डीटीओ ऑफिस में दलाली की शिकायत मिलने के बाद हम इसकी पड़ताल करने पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद एक एक बात सच निकली। आईनेक्स्ट रिपोर्टर के यहां पहुंचते ही एक दलाल ने घेर लिया और लाइसेंस बनवाने के बाबत पूछने लगा। आगे और क्या क्या बात हुई, सिलसिलेवार यही हम आपको बताने जा रहे हैं

रिपोर्टर ::: आप लाइसेंस बनवाते है क्या ?

दलाल :: हां हम भी बनवाते है, पहले तो बहुत किचकिच होती थी, अब सबकुछ सामान्य है।

रिपोर्टर :: क्या करना होगा हमको?

दलाल :: आप अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, मैट्रिक सर्टिफिकेट और दो पासपोर्ट साइज फोटो दीजिए। अभी सब जमा करके तुरंत फोटो खिंचवा देते है। आपको क्लास भी लेना होगा, दो घंटे का क्लास है। अभी नया शुरू हुआ है इसलिए सेटिंग नहीं कर पाये है, लेकिन दो दिन में वहां भी सेटिंग हो जायेगा।

रिपोर्टर ::: कितना समय लगेगा?

दलाल :: एक से डेढ़ महीने में लाइसेंस परमानेंट बनवा के दे देंगे। अभी अप्लाई कर देंगे, दो दिन में आपको लर्निग दिलवा देंगे, एक महीने बाद फाइनल के लिए प्रॉसेस शुरू होगा।

रिपोर्टर :: हमको क्या सिर्फ आवेदन करना होगा?

दलाल :: आपको कुछ नहीं करना होगा, आवेदन भी हम ही कर देंगे, आपको सिर्फ फोटो खिंचवाने आना होगा।

रिपोर्टर :: कितना खर्चा लग जायेगा?

दलाल :: 5500 रुपए देना होगा। आपको आकर स्कूटी चलाना होगा। अगर नहीं चलाना चाहते तो फिर खर्चा ज्यादा लग जायेगा। एक हजार रुपए और देना होगा।

रिपोर्टर :: पैसा बहुत ज्यादा बता रहे है।

दलाल :: क्या करे, फीस लगता है, ऑन लाइन खर्चा और फिर सब जगह देना भी पड़ता है।

रिपोर्टर : कुछ कम कीजिये

दलाल :: अपने पास औरों के आवेदन दिखाते हुए, कम करने की तो कोई गुंजाइश नहीं है। फोर व्हीलर के लिए भी चढ़ावा देना पड़ता है। हिसाबे से बता रहे है। ऊपर भी सब लोग को पैसा देना पड़ता है। सब जगह तो पैसे की मार है। हमलोग जिसका बनवाते है टू व्हीलर और फोर व्हीलर दोनों का लाइसेंस बनवा देते है।

रिपोर्टर ::: ऐसे कितना में हो जायेगा, अगर हम खुद से करे तो?

दलाल :: जेनविन तो आपको 1700 रुपए में ही हो जायेगा। ऑनलाइन का खर्चा लेकर लगभग दो हजार रुपए में लाइसेंस बन जायेगा, लेकिन आपको अपने से खुद करनी होगी हर चीज।

रिपोर्टर :: पैसा एक ही साथ ले लीजिएगा?

दलाल : दो बार में दे दीजिएगा। अभी लर्निग के समय कुछ और कुछ बाद में बोलेंगे तब दे दीजिएगा।

रिपोर्टर :: आप कहां मिलिएगा?

दलाल ::यहीं रहते है सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक। ऑफिस में काम करना है तो रहना ही पड़ेगा।

बाबुओं ने प्रॉसेस को किया जटिल

डीटीओ ऑफिस में हाल यह है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को यहां के बाबुओं ने इतना जटिल बना डाला है कि लोग चाह कर भी अपने से आवेदन नहीं कर सकते। कभी सर्वर डाउन, कभी कर्मचारी नहीं, कभी और बहाना बता कर बार-बार दौड़ाने का काम किया जाता है। जिससे तंग आकर लोग दलाल की शरण में चले जाते हैं। दलाल इसी काम को चंद मिनटों में पूरा करा देता है। जल्दी में फोटो खिंचवाना हो, ड्राइविंग टेस्ट देने की इच्छा न हो, या फिर मेडिकल नहीं करवाना हो, हर मर्ज की दवा इन दलालों के पास मौजूद है, बस पैसा फेंकिये और तमाशा देखिए।

बाइक व कार के डीएल का सरकारी रेट

लर्निग डीएल का--511 रुपए

परमानेंट डीएल --1,011 रुपए

स्मार्ट कार्ड के लिए -- 47 रुपए

प्रज्ञा केंद्र का खर्च --30 रुपए

कुल खर्च -----1,599 रुपए

वर्जन

ऐसा कुछ नहीं है। आवेदनकर्ता को ऑफिस आना अनिवार्य है। ऑफिस में सब तरफ कैमरा भी लगा हुआ है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। आवेदनकर्ता को तीन बार ऑफिस में आना है उन्हें, डाइविंग टेस्ट भी देना है। लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे दलालों के चक्कर में न पड़े।

संजीव कुमार, डीटीओ रांची